वास्तव में वकील फ़ानथी का तिब्बत में एक साल का कार्यकाल था। तिब्बत वासियों की सहायता करते हुए एक वर्ष बीत चुका है। मध्य चीन के हूपेई प्रांत की राजधानी वू हान स्थित लॉ फ़र्म वापस लौटना या तिब्बत में एकबार फिर से ठहरना उनके लिये एक मुश्किल विकल्प था। अगर वो तिब्बत में एक और वर्ष ठहरते, तो साल भर लॉ फ़र्म में उनकी 40 लाख युआन की आय उनके हाथ से चली जाती, साथ ही वे अपने परिजनों से भी दूर हो जाते। लेकिन अगर वह च्याछा कांउटी से वू हान वापस लौटे, तो इस कांउटी में कानूनी सहायता व्यवस्था की पूर्ण स्थापना नहीं हो पाती, फिर वह कैसे घर वापस लौट सकते थे?हिचकिचाहट के समय च्याछा कांउटी के शीर्ष नेता कोंगच्ये डोर्चे ने फ़ानथी से कांउटी में और एक साल काम करने की इच्छा जताई। फ़ानथी शीघ्र ही इसपर अपनी सहमती दे दी। कोंगच्ये डोर्चे के विचार में वकील फ़ानथी ने च्याछा कांउटी में कानूनी सहायता व्यवस्था की स्थापना में भारी योगदान दिया है। उन्होंने कहा:
"एक प्लस एक कानूनी सहायता अभियान चलाने के बाद से लेकर अब तक हमारी च्याछा कांउटी में सरकारी संस्थाओं के कानून के अनुसार प्रबंधन मददगार सिद्ध हुआ है। साथ ही स्थानीय नागरिकों को कानून के अनुसार अपने हितों और अधिकारों की रक्षा करने में मदद भी मिली है। तीसरा, भीतरी क्षेत्र से आए व्यावसायिक वकीलों ने हमारी कांउटी के कानून विभाग का मार्गदर्शन भी किया है। मेरा विचार है कि वकील फ़ान के यहां आने से सरकार, स्थानीय नागरिक और संबंधित कारोबारों को लाभ मिला है।"
वकील फ़ानथी तिब्बत में एक और साल रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे च्याछा कांउटी के किसानों और चरवाहों के लिए और अच्छी तरह कानूनी सेवा देते रहेंगे और वे अपने कानूनी प्रशासन वाले सपने के बखूबी अंजाम देने की कोशिश करेंगे। उन्हें आशा है कि परिपक्व कानूनी प्रशासन वाली अवधारणा च्याछा कांउटी में गहन रूप से स्थापित होगी। ताकि अधिक से अधिक नागरिक कानून के अनुसार अपने वैध हितों और अधिकारों की रक्षा कर सकें।