सोलांग प्यानपा दंपति पोते के साथ
गौरतलब है कि नाछ्यु प्रिफेक्चर की जलवायु खराब है। तिब्बत के दूसरे स्थलों से समुद्र तल से अधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इसी प्रिफेक्चर में कम ऑक्सीजन है और यहां पर ज्यादा सर्दी लगती है। तिब्बत की सहायता करने आए भीतरी क्षेत्र के कर्मचारियों में ऐसा वाक्य लोकप्रिय है कि"तिब्बत का आली प्रिफेक्चर बहुत दूर स्थित है और नाछ्यु प्रिफेक्चर में जीवन बहुत मुश्किल है।"भौगोलिक और प्राकृतिक मुश्किलों से भीतरी क्षेत्रों से आए कर्मचारियों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
तिब्बत की सहायता के लिए आए सातवें खेप वाले कर्मचारी के रूप में चच्यांग प्रांत के छन युनचोंग ने चच्यांग कम्युनिटी के निर्माण में बहुत मेहनत की है। नाछ्यु प्रिफेक्चर के विकास और रूपांतरण विभाग के उप-प्रधान के रूप में वे मुख्य तौर पर तिब्बत की सहायता में चच्यांग प्रांतीय नाछ्यु परियोजनाओं को बनाने, परियोजनाओं के कार्यान्वयन, स्वीकृति और आकलन करने जैसे कार्य की जिम्मेदारी उठाते हैं।
पहले छन युनचोंग चीनी जन मुक्ति सेना में दसे वर्षों तक सैनिक रहे और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहा। लेकिन तिब्बत में आने के एक साल बाद उनकी 15 पहलुओं में स्वास्थ्य जांच पास नहीं हुई। पत्नी ने उनका तिब्बत में ज्यादा समय ठहरना अस्वीकार किया, लेकिन छन युनचोंग फिर भी जोश से भरे अपने कार्य में लगे हुए हैं। छन युनचोंग ने कहा:
"नाछ्यु क्षेत्र थोड़ा बंद रहता है। स्थानीय सरकारी कर्मचारियों और भीतरी क्षेत्र से आए कर्मचारियों के बीच विचारधाराओं में बड़ा फ़र्क मौजूद है। उदाहरण के लिए परियोजना के निर्माण से पहले यहां एक-एक कार्यान्वयन टीमों को बंटवारा किया जाता था। लेकिन हमने सामूहिक मशीनरी कार्यान्वयन वाला तरीका अपनाया। यह कदम इसी क्षेत्र में नई अवधारण है। मुझे लगता है कि तिब्बत की सहायता के लिए भीतरी इलाकों में प्रबंधन क्षेत्र में प्रचलित प्रगतिशील विचारों और अवधारणाओं को यहां पहुंचाना हम जैसे कर्मचारियों का उत्तरदायित्व है। देश के आह्वान पर हम तिब्बत आए हैं, तो तिब्बत की सहायता के लिए हमें अपना प्रयास करना चाहिए।"
उत्तर-पूर्वी चीन के ल्याओनिंग प्रांत से आए 29 वर्षीय एक युवा श्यू खे सातवें खेप वाले कर्मचारियों में से एक हैं, जो मैपिंग करने के क्षेत्र में पेशेवर व्यक्ति हैं। अब वह नाछ्यु प्रिफेक्चर के रिहायशी मकान, शहरी और देहाती निर्माण ब्यूरो में काम करते हैं। उन्होंने वर्ष 2008 में दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के वनछ्वान कांउटी में हुए वनछ्वान भूकंप और वर्ष 2010 में छिंगहाई प्रांत की यूशू कांउटी में आए भूकंप के बाद पुनर्निर्माण में अच्छी तरह समर्थन कार्य किए। श्यू खे का कहना है कि शहरी परियोजना के कार्यान्वनय कार्य में 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा दफ़्तर के बाहर में किया जाता है। वह मुख्य तौर पर मार्ग निर्माण में लाइन को निश्चित करने और मापने के काम की जिम्मेदारी लेता है, जो शहरी परियोजना के निर्माण में बुनियादी कार्य हैं। श्यू खे ने कहा:
"भीतरी क्षेत्र के प्रांतों और शहरों द्वारा तिब्बत को सहायता दिये जाने के पूर्व नाछ्यु कस्बा देश भर में पानी की निकासी के उपकरण के बिना एकमात्र कस्बा था। लेकिन वर्तमान में नाछ्यु क्षेत्र में जल निकासी प्रणाली बनाई गई। वर्ष 2013 से ही जल सप्लाई, जल निकासी और हीटिंग व्यवस्था तीन नई परियोजनाओं का निर्माण शुरू हुआ। मैं सबसे बुनियादी कार्य कर रहा हूँ, लेकिन इस काम को करने के बाद बहुत थकान लगती है। मेरी सबसे बड़ी अभिलाषा है कि अपनी तकनीकी श्रेष्ठता से नाछ्यु के शहरों और कस्बों के निर्माण में ज्यादा योगदान दे सकूंगा। इसके अलावा मुझे आशा है कि संबंधित स्थानीय तकनीशियनों का प्रशिक्षण भी कर सकूंगा। मुझे आशा है कि तिब्बत में अपनी कार्य तिथि समाप्त कर भीतरी क्षेत्र में हमारी वापसी के बाद ये स्थानीय तकनीशियन खुद पर निर्भर होकर अच्छी तरह काम कर सकेंगे।"
नाछ्यु प्रिफेक्चर में चच्यांग प्रांत और ल्याओनिंग प्रांत पिछले 20 वर्षों से लगातार सहायता देते आ रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में तिब्बत की सहायता के लिए आए कई कर्मचारियों ने शानदार उपलब्धियां प्राप्त की हैं। यहां तक कि भीतरी क्षेत्र से आए कुछ कर्मचारियों ने इस काम के लिये अपने प्राणों की आहुति भी दी है। उनके योगदान से तिब्बत की सहायता वाली भावना समृद्ध और रंगारंग हुई है। भीतरी क्षेत्र से तिब्बत की सहायता के लिए आए कर्मचारियों का मूल्यांकन करते हुए नाछ्यु प्रिफेक्चर के उप-शीर्ष नेता ओका ने हमारे संवाददाता से कहा:
"यह कर्मचारी बहुत मेहनत से काम करते हैं। वे हमारे तिब्बती भाईयों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए एकसाथ परीश्रम करते हैं। उन्होंने देश की सीमा को मज़बूत करने, जातीय एकता को आगे बढ़ाने और मातृभूमि की समृद्धि को साकार करने के लिए अपनी सुनहरी युवावस्था को तिब्बत के लिये अर्पित कर दिया। उन्होंने तिब्बत में स्थिरता, जनजीवन में सुधार और आर्थिक विकास के लिए अथक प्रयास किया था और अब भी कर रहे हैं। हम उनके आभारी हैं।"