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संडे की मस्ती 2014-11-09
2014-11-12 15:22:56 cri

हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेंरा साथ दे रही है मीनू जी...।

मीनू- हैलो दोस्तों, आप सभी को मीनू का प्यार भरा नमस्कार.....।

अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

अखिल- हमें पहला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हमारे सभी के चहेते भाई सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी लिखते हैं.... ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का भी खूब लुत्फ़ उठाया। अमेरिका के पोर्टलैण्ड शहर में आयोजित दाढ़ी-मूछ चैम्पियनशिप और खिड़किरहित विमान पर दी गई जानकारी काफी रुचिकर लगी। स्विट्ज़रलैण्ड के एक किसान द्वारा उगाया गया कार के वज़न (950 किलोग्राम) का कद्दू भी मन में कौतूहल जगा गया। शरीर के भीतर के अनोखे अववयों, जिनमें 72 मील लम्बी तन्त्रिका, 2.5 किलोग्राम वज़नी मस्तिष्क के अलावा यह जानकारी भी आश्चर्यचकित कर गई कि मनुष्य के बाल और नाखून उसके मृत्योपरांत भी बढ़ते रहते हैं। समुद्र की लहरें थमने के बाद स्नान करने की मंशा रखने वाले व्यक्ति की कहानी के साथ-साथ कर्म के नियम और सिध्दांत सम्बन्धी ऑडियो को सुनते हुये उसमें हम इतना खो गये कि कार्यक्रम कब समाप्त हुआ, पता नहीं चला। धन्यवाद।

मीनू- हमारा कार्यक्रम सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। दोस्तों, हमें अगला पत्र भेजा हैं सउदी अरब से हमारे भाई सादिक आजमी जी ने। भाई सादिक जी लिखते हैं.... आदाब

आज दिनांक 2 नवम्बर की सभा मे ताज़ा समाचारों का जाएज़ा लेने के बाद अपना मनपसंद और अत्यन्त लोकप्रिय कार्यक्रम सण्डे की मस्ती का नया अंक एक बार फिर मन मोहने मे सफल रहा। रोचक बातों के पिटारे से आपने एक मज़ेदार खबर सुनाई कि अमरीका में सबसे लम्बी दाढ़ी एवं मूछों की प्रतियोगिता हुई। आज के व्यस्त जीवन में पल भर की खुशी की प्राप्त हेतु मनुष्य कुछ न कुछ नया करने की चेष्टा करता है। इसी क्रम में सबसे लम्बी मूंछ की प्रतियोगिता का आयोजन रोचक रहा और आपके द्वारा इससे सम्बंधित तमाम जानकारी पाकर अच्छा लगा।

अखिल- आगे सादिक भाई लिखते हैं.... आज के आधुनिक युग में हर काम सम्भव होता दिखाई दे रहा है। अब नई तकनीक के आविष्कार से बिना खिड़की वाले जहाज़ के बारे में जानकर तो यही विश्वास हुआ। आकाश में उड़ते हुए इस आधुनिक शीशे की सहायता से बाहर की हर गतिविधि का नज़ारा सपने को हकीकत का रूप लगता है जिस प्रकार पक्षी खुली फिज़ा का आनंद लेता है, अब हम मनुष्य भी उसी तरह आकाश में उड़ते हुए क़ुदरत के हसीन नज़ारे का पूर्णरूप से आनंद लेंगे।

आगे लिखते हैं... अगली रिपोर्ट से विश्व के सबसे बड़े कद्दू के विषय में जानकर हम दांतों तले उंगली दबाने पर विवश हुए। इस सफलता से एक और बात की पुष्टि होती है कि मानव जाति को जन्म देने के साथ ईश्वर उनके भोजन की भी व्यवस्था करता जा रहा है। वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के बारे कुछ हैरान करने वाले सच को जानकर अखिल जी का आभार व्यक्त किये बगैर न रह सका और कर्म के प्रति उपदेश भरी कहानी ने दिल जीत लिया। आज के जोक ने तो पेट में दर्द ही कर दिया। सच कहूं तो हंस-हंस के बुरा हाल हो गया था, विशेषकर माफ करना मैं इस शहर में नया हूं वाला जोक। एक अच्छी प्रस्तुति हेतु आपका हार्दिक साधुवाद

मीनू- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादिक भाई हम तक अपनी प्रतिक्रिया पहुंचाने के लिए। दोस्तों, अगला पत्र भेजा हैं झारखंड से एस.बी. शर्मा जी ने। शर्मा जी लिखते हैं... संडे की मस्ती में अमेरिका के पोर्टलैण्ड शहर में आयोजित दाढ़ी-मूछ चैम्पियनशिप के विषय विस्तार से बताया। इस प्रतियोगिता का असली आयोजक जर्मनी है जो आपत्ति जताते हुए इस समारोह में शामिल नहीं हुआ और खिड़की रहित विमान या केवल खिड़की ही खिड़की वाले विमान के विषय में दी गई जानकारी रोचक लगी। इस विमान के खिड़कियां इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के स्क्रीन के रूप में प्रयुक्त हो सकेगी, गजब का आविष्कार है। स्विट्ज़रलैण्ड के एक किसान द्वारा 950 किलोग्राम का कद्दू उगाया जाना भी कम टेक्नोलॉजिकल नहीं है। शरीर के भीतर के अनोखे अवययों के विषय में नायब जानकारियां अच्छी लगी , जिनमें 72 मील लम्बी तन्त्रिका, 2.5 किलोग्राम वज़नी मस्तिष्क आश्चर्यचकित देने वाली है। बिना रिस्क लिए कुछ भी नहीं हो सकता, आगे चलने के लिए थोड़ा जोखिम लेना ही चाहिए। इसे समझने के लिए समुद्र की लहरें थमने के बाद स्नान करने की मंशा रखने वाले व्यक्ति की कहानी सम्बन्धी ऑडियो आपने सुनवाई जो बहुत ही सटीक और पसंद आया।

अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एस.बी. शर्मा जी। हमें अपनी प्रतिक्रिया बताने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।

मीनू- दोस्तों, हमारे कार्यक्रम की सराहना करने और पत्र भेजने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। चलिए, अभी हम आपको सुनवाते हैं एक बढ़िया हिन्दी गाना... उसके बाद आपको ले चलेंगे अजब-गजब बातों की दुनिया में।

(गाना-1)

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