तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की न्येलामू कांउटी के चांगमू कस्बे में ली शिन नामक गांव बसा है, जहां 7 सौ से अधिक आबादी शर्बा लोगों की रहती है। चीन और नेपाल की सीमा पर बसे इस गांव में ग्रामीण आम तौर पर खेती का काम करते हैं। घर के अलावा बाहरी क्षेत्र में काम करते हैं और कुछ लोग सीमा व्यापार पर निर्भर हैं।
वर्ष 2011 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में"गांव में सरकारी कर्मचारियों के प्रवेश"नामक परियोजना शुरू हुई। राजधानी ल्हासा से एक कार्यदल ली शिन गांव पहुंचा। जिसका कार्य मुख्य तौर पर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करते हुए समृद्ध रास्ते की खोज में समर्थन करना है। पिछले तीन सालों में ली शिन गांव की स्थिति में ही नहीं, गांववासियों के विचारों में भी परिवर्तन आया है।
हमारी गाड़ी चांगमू कस्बे से आगे बढ़ी, शर्बा बहुल ली शिन गांव तक पहुंचने के लिए संकीर्ण और दलदल पहाड़ी मार्ग पर करीब आधा घंटा लगा। गांव के गेट पर स्थापित यूरोपीय शैली वाला एक दृश्य लुकआउट मंच नज़र आया, जो इस्पात से बना हुआ है। यह दृश्य लुकआउट मंच पहाड़ के मध्य भाग में स्थित है, और उसका बाहरी भाग घाटी की तरफ लटका हुआ है। मंच पर खड़े होकर पहाड़ में पानी के कलकल बहने और पक्षियों के चहचहाने की आवाज सुनाई दे रही है। दूर की तरफ देखने पर घने जंगल, तल न देख सकने वाली घाटी, सीमा की दूसरी तरफ़ नेपाली गांव में खाना पकाते हुए लोगों के घरों से निकलता धुंआ नज़र आता है। दृश्य लुकआउट मंच से दसेक मीटर दूर एक तीन मंजिली इमारत है, जहां शर्बा महिला मेईडो का घर है।
"यह कार्यदल की मदद से बना हमारा पारिवारिक होटल है। हर मकान में चार पलंगें रखी जाती हैं। यह मेरे द्वारा स्वयं तैयार किया गया वॉश बेसिन है। हम यहां मुंह और कपड़े धोते हैं। पाइप में पानी मौजूद होता है। इस तरफ़ गर्म पानी है और उस तरफ़ ठंडा पानी। गर्म पानी इमारत की छत पर रखे सौर ऊर्जा बोर्ड से आता है, जिसकी स्थापना के लिए कार्यदल के सदस्यों ने हमें मदद दी। अब हम घर में स्नान कर सकते हैं। देखिए, अब हम तीसरी मंजिल पर हैं, यह पर्यटकों के खुला हुआ है। दूसरी मंजिल पर हम खुद रहते हैं और पहली मंजिल पर एक रेस्टोरेंट है। पहले हमारे पास रेस्टरोंट नहीं था और न पारिवारिक होटल। ये सब खोलने के लिए कार्यदल के सदस्यों ने हमें सहायता दी है। मुझे बहुत अच्छा लगता है और खुशी होती है।"
ली शिन गांव वासी मेईडो के मुताबिक यह इमारत उसके रहने का स्थान ही नहीं, पर्यटकों की सेवा करने वाला पारिवारिक होटल भी है। लोग कल्पना नहीं कर पाते कि कुछ महीने पहले दृश्य लुकआउट मंच के आसपास एक कचरा डालने की जगह थी, जहां का वातावरण खराब था और बदबू आती थी। मेईडो ने कहा कि पहले उसका घर मात्र लकड़ी से बनाया गया छोटा सा मकान था। मेईडो ने कहा:
"पहले यहां कचरा डंप किया जाता था, आसपास बहुत बदबू आती थई। कार्यदल के सदस्यों ने हमारे लिए यहां इतना सुन्दर दृश्य लुकआउट मंच का निर्माण किया। मैं बहुत खुश हूं। पहले हम लकड़ी से बनाए गए छोटे से मकान में रहते थे, न कि आज जैसी सुन्दर इमारत में। देश ने हमारे यहां निर्माण के लिए बड़ी राशि दी और सुन्दर-सुन्दर मकानों का निर्माण कर चुके हैं। मैं इतने सुन्दर पारिवारिक होटल और रेस्टरांट चलाती हूँ, बहुत अच्छा लगता है। मैं कार्यदल का आभार व्यक्त करती हूँ।"
महिला मेईडो का मकान ली शिन गांव में नव निर्मित पारिवारिक होटलों में से एक है। न्येलामू कांउटी सरकार ने ली शिन गांव के विकास में पर्यटन व्यवसाय को प्राथमिकता दी। इसके आधार पर ल्हासा से आया कार्यदल ग्रामीणों की सहायता और समर्थन करता है। कार्यदल के सदस्यों ने सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को देश द्वारा प्रदत्त भत्ते और संबंधित सहायता राशि का प्रयोग कर गांववासियों को पुराने मकान सुधारने में मदद की। ली शिन गांव और चांगमू कस्बे में कुल 10 आधुनिक पारिवारिक होटल खोले गए, जहां पर्यटक सौर ऊर्जा के जरिए पानी गर्म कर स्नान कर सकते हैं। स्थानीय लोग पारिवारिक होटल में खुद रहते हैं और पर्यटकों की सेवा भी कर सकते हैं।
ग्रामीणों को मदद देना स्थानीय सरकार का एकमात्र लक्ष्य नहीं है। उन्हें पर्यटन से जुड़े व्यापार करना सिखाना अंतिम लक्ष्य ही है। कार्यदल ने देश द्वारा प्रदत्त गरीबी उन्मूलन राशि का इस्तेमाल कर शेयर के रूप में पारिवारिक होटल में रेस्टोरेंट की स्थापना की। गांव वासी किराये पर रेस्टोरेंट का प्रबंधन करते हैं। रेस्टोरेंट से प्राप्त आय गांव को दी जाती है और बाद में गांववासियों के बीच इसे बांटा जाता है।
शर्बा युवा फुर्बा ली शिन गांव में विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए गांव से बाहर जाने वाले अकेले छात्र थे। वह सरकारी कर्मचारी बने और व्यापार भी करने लगे। अब फूर्बा ग्रामीणों का जीवन समृद्ध बनाने वाले शीर्ष व्यक्ति बन चुके हैं। वह इवेको वाहन खरीदकर यात्रियों की सेवा के लिए वाहनों की व्यवस्था करते हैं। कार्यदल के समर्थन से फूर्बा ने गांव में एक होटल भी खोला, जिसका नाम है—श्यांगशू उद्यान। फूर्बा ने कहा:
"कार्यदल के सदस्यों की मदद से मैंने होटल के भीतरी सजावट की। इसमें मौजूद सभी चीजें उन्होंने दी। मेरा विचार है कि इस परियोजना के तहत गांव वासियों को समृद्धि के रास्ते पर ले जाऊंगा। अब गांव वाले व्यापार करते हैं। मैं कार्यदल के सदस्यों के साथ मिलकर गांव वासियों के समृद्ध जीवन के लिए कोशिश करने को तैयार हूँ।"