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संडे की मस्ती 2014-07-13
2014-07-16 14:21:47 cri

अखिल- आपका एक बार फिर स्वागत मस्ती भरे इस कार्यक्रम संडे की मस्ती में, जिसमें दी जाती है मनोरंजन की सुपर डबल डोज।

दोस्तों, दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे है जो दर्दनाक हादसों के शिकार हो गए और हादसों से उनकी पूरी की पूरी जिंदगी ही बदल कर रख दी। आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसमें पुलिस ने छीन लिया एक अपाहिज व्यक्ति से उसके जीने का साधन! वो कैसे... सुनिए....।

चीन के हुबी प्रांत में एक ऐसा ही इंसान रहता है, जिसके हाथ नहीं है। दरअसल, बचपन में 45 साल के वू को हाई वोलटेज तारों से करंट लग गया था। हादसे में उन्हें दोनों हाथ गंवाने पड़े लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने आपको काबिल बनाने के लिए सारे काम पैरों से ही करने शुरू कर दिए। अब वह आपने सारे काम पैरों की मदद से ही करते हैं। आपको जान के हैरानी होगी कि वू पैरों से कार चलाते है वो भी तेज रफ्तार में अगर कोई उन्हें कार चलाता देख ले तो बस देखता ही रह जाए। वू लगभग 1 लाख मील की दूरी तक गाड़ी चला चुके हैं। वू अपने पैरों के साथ गाड़ी चलाने में माहिर है।

एक दिन वह सड़क पर तेज रफ्तार के साथ कार चला रहे थे कि पुलिस ने उन्हें देख लिया और देखते ही हैरत में पड़ गए। पुलिस का कहना है कि इस तरह गाड़ी चला कर वह अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं इसके बाद पुलिस ने उन पर ड्राइविंग करने की रोक लगा दी है। दूसरी तरफ, वू का कहना है कि उसका डिलिवरी का काम है। रोक लगने पर वह यह काम नहीं कर पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास ड्राइविंग लाइसैंस भी है।

मीनू- इस इंसान की हिम्मत की दाद देनी चाहिए, जो दोनों हाथ न होने के बावजूद भी खुद से मेहनत करके इज्जत की रोटी खाता है।

अखिल- बिल्कुल सही मीनू जी। चलिए... दोस्तों, अब मैं आपको बताने जा रहा हूं कि रहस्यमयी पहेली बना हुआ है चीन में बौनों का यह गांव।

दोस्तों, इस दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनका कद बौना रह गया हो लेकिन चीन में एक गांव ऐसा है जहां पर लगभग आधा गांव बौना है और इसी वजह से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। चीन के शिचुआन प्रांत में मौजूद यांग्सी गांव वैज्ञानिकों के लिए अभी तक एक अबूझ पहेली बना हुआ है। गांव के लगभग 80 में से 36 लोग बौने हैं। इनमें से सबसे लंबा व्यक्ति 3 फिट 10 इंच का है और सबसे छोटे व्यक्ति की लंबाई 2 फिट 1 इंच है। लेकिन अभी तक इसके पीछे असल वजह क्या है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बौनों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस यांग्सी गांव को 'बौनों का गांव' कहा जाता है।

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उनकी खुशहाल और चेन भरी जिंदगी कई साल पहले ही खत्म हो चुकी थी जब प्रांत को एक खतरनाक बीमारी ने अपनी चपेट में लिया, जिसके बाद से कई स्थानीय लोग अजीबोगरीब हालात से जूझ रहे हैं, जिसमें ज्यादातर 5 से 7 साल के बच्चे हैं। इस उम्र के बाद इन बच्चों की लंबाई रुक जाती है। इसके अलावा वो कई और असमर्थताओं से जूझ रहे हैं। हालांकि, वैज्ञानिक इसकी पुष्टि नहीं कर पाए हैं। 1977 में बीमारी की वजह बताते हुए गांव की जमीन में पारा होने की बात कही गई, लेकिन इसे साबित नहीं किया जा सका।

कुछ लोग इसे बुरी ताकत का प्रभाव मानते हैं। वहीं, कुछ का कहना ये भी है कि ये सब अपने पूर्वजों को सही तरीके से दफन ना करने के चलते हो रहा है। बीते कुछ साल में गांव के कई लोगों ने इस परेशानी के चपेट में आने के डर से गांव छोड़ दिया है। हालांकि अब हालात बेहतर होते दिख रहे हैं। नई पीढ़ी इस बीमारी से काफी हद तक अछूती दिख रही है।

मीनू- हां हां हां.. बहुत ही मजेदार बात बताई आपने अखिल जी। चलिए.. मैं भी एक मजेदार बात बताती हूं।

दोस्तों, एक तरफा प्यार का नतीजा जिस तरह असफल होता है, उसी तरह एक तरफा तलाक भी असफल हो जाता है। यह सुनने में भले ही आपको अजीब लगे लेकिन चीन के शंघाई शहर में एक चीनी महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। अपने आलसी पति से तंग आकर उसने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी। अर्जी के बाद सुनवाई की तारीख तय की गई। लेकिन सुनवाई के दिन कोर्ट पहुंचने वाला हर व्यक्ति हैरान था, क्योंकि पूरा कोर्ट रूम फूलों से सजाया गया था। जज ने जब पूछा कि यह किसने किया तो पता चला तलाक लेने वाली महिला के पति ने अपनी पत्‍‌नी से प्यार के इजहार के लिए यह सब किया। इस बात को सुनकर सभी मुस्कुरा उठे और जज ने भी पहली सुनवाई पर ही मामला खारिज कर दिया। इसके लिए उस व्यक्ति ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों के साथ जज का भी शुक्रिया अदा किया।

अखिल- हां हां हां.. बहुत ही मजेदार बात बताई आपने मीनू जी। प्यार का इजहार करने का यह अनोखा स्टाइल बहुत पसंद आया। वाकई... पति-पत्नी के रिश्ते में सबसे ज्यादा जरूरी प्यार होता है। मीनू जी.. इस मौके पर मुझे एक शेयर याद आया है, आप कहो तो सुनाउं...।

मीनू- हा हा.. बिल्कुल.. ईर्शाद..।

अखिल- प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता ,

ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता,

दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की

उस के बिना जिया नहीं जा सकता....

मीनू- वाह..वाह..वाह..

अखिल- शुक्रिया मीनू जी। दोस्तों, आपको बताने जा रहा हूं कि एक नन्ही सी जान ने किया ऐसा काम कि मर कर भी भूल न पाएगी मां...।

मां और उसके बच्चे के बीच का रिश्ता बेहद करीबी और प्यार भरा होता है। एक मां की ममता उसके बच्चे के प्रति कभी भी कम नहीं होती, लेकिन इस कहानी में बेटे ने जो अपनी मां के लिए किया शायद ही आपने पहले कभी सुना होगा। यकीनन इस मां बेटे की कहानी सुनकर आपकी आंखों में भी आंसू छलक आएंगे।

दरअसल, इस कहानी में बेटे चेन और मां जाउ लू दोनों को ही ऐसी गंभीर बीमारी थी कि उनकी मौत पक्की थी महज सात साल की उम्र से ही चेन को ब्रेन ट्यूमर था। डॉक्टरों का कहना था कि ट्यूमर इतना गहरा था कि उससे बच्‍चे की कुछ समय बाद मौत निश्चित थी। वहीं दूसरी तरफ चेन की मां जाउ की दोनों किडनियां भी खराब हो गई थी डॉक्टरों ने बताया कि अगर कहीं से भी जाउ ने किडनी का इंतजाम नहीं किया तो उसकी दोनों किडनी फेल हो जाएगी और वो मर जाएगी। मां की इस हालत का जब सात साल के चेन को पता लगा तो उसने लिया एक ऐसा फैसला जिसे लेने से पहले कोई भी हजार बार सोचे। उसने अपनी जान बचाने के लिए उसने अपनी किडनी का फैसला किया। यह बात सुनकर मां के दिल पर जैसे खंजर चल गए। लेकिन थोड़े दिनों बाद दोनों के काफी बातें करने के बाद डॉक्टरों ने भी बेटे चेन के फैसले को सही बताया। डॉक्टरों ने बताया कि चेन की जान तो ब्रेन ट्यूमर के वजह से वैसे भी चली ही जाएगी, लेकिन मां की जान किडनी के लगाने पर बचाई जा सकती है। अपनी मां की जान बचाने के लिए बच्‍चे ने डॉक्टरों को फौरन अपना ऑपरेशन करने को कहा।

डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर लड़के के दोनों ठीक किडनियां निकाल लीं और मां की खराब किडनी से उन्हें बदल दिया, लेकिन ऑपरेशन के बाद जब मां को होश आया तब तक उसे जिंदगी तो मिल गई, लेकिन उसका बेटा नहीं रहा। चेन ऑपरेशन के दौरान ही अपना दम तोड़ चुका था। एक बेटे का मां की जिंदगी के लिए किया गया ये दान शायद ही कभी कोई भूल सके।

(गाना-2)

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