पहले खायो गांव की चिकित्सीय स्थिति बहुत खराब थी। अगर गांववासी किसी बीमारी से पीड़ित होता, और वह ठीक समय पर अस्तपाल नहीं जा सकता, परिणामस्वरुप बीमार के इलाज में विलंब होता है, रोग स्थिति और गंभीर हो जाती है। क्वो ईली ने इस स्थिति पर ध्यान में दिया। वर्ष 2011 में वे चोलिन कांउटी स्थित सशस्त्र पुलिस की एक शाखा का निरीक्षण दौरा करने गए और अनुसंधान के लिए चोलिन कांउटी शहर से 20 किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ी खायो गांव आए। गांव वासियों की चिकित्सीय स्थिति को देखकर उन्होंने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सशस्त्र पुलिस शाखा से इस गांव में चिकित्सीय क्लिनिक स्थापित करने का सुझाव पेश किया। खैर, बाद में 2 लाख 50 हज़ार युआन की राशि से इस गांव में क्लिनिक स्थापित हुआ और सशस्त्र पुलिस की तिब्बत शाखा ने 60 हज़ार युआन मूल्य वाले चिकित्सीय उपकरण दान किया और क्लिनिक के 6 चिकित्सकों को मुफ्त प्रशिक्षण के लिए जनरल अस्पताल में शामिल कराया। सशस्त्र पुलिस की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश शाखा के राजनीतिक विभाग के उप-प्रधान काओ श्यूपो ने जानकारी देते हुए कहा कि हर वर्ष अलग समय में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की शाखा के अधीन जनरल अस्पताल गांववासियों के मुफ्त इलाज के लिए चिकित्सीय दल भेजता है। उन्होंने कहा:"कमांडर क्वो ने पहाड़ी गांव की चिकित्सा स्थिति जानने के बाद कई बार संबंधित सर्वेक्षण के लिए कर्मचारियों को भेजा। फिर सशस्त्र पुलिस की तिब्बत शाखा ने खायो चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना की। हर वर्ष अलग समय में सशस्त्र पुलिस की तिब्बती शाखा के अधीन जनरल अस्पताल गांव वासियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान करता है। इसके साथ ही जिले और ग्राम स्तरीय चिकित्सीय संस्थाओं में कार्यरत चिकित्सकों को जनरल अस्पताल में मुफ्त प्रशिक्षण भी दिया जाता है।"
चोलिन कांउटी के खायो गांव के चिकित्सीय क्लिनिक में कार्यरत तिब्बती लड़की पाईचोंग ने हमारे संवाददाता को बताया कि उसने सशस्त्र पुलिस की तिब्बत शाखा के अधीन जनरल अस्पताल में चिकित्सा प्रशिक्षण प्राप्त किया है। कमांडर क्वो कभी कभार प्रशिक्षण लेने वाले तिब्बती चिकित्सकों का विशेष ध्यान रखते हैं। तिब्बती लड़की पाईजोंग ने याद करते हुए कहा कि पहले गांव में इस किलिनिक नहीं होने के कारण गांववासियों का इलाज कमरे के बाहर किया जाता था। उस समय चिकित्सीय स्थिति बहुत खराब थी, विशेष कर सर्दियों में, तेज़ हवा और भारी वर्षा के समय मरीज़ों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इस क्लिनिक की स्थापना के बाद रोगियों का इलाज कमरे के भीतर ही किया जाता है और चिकित्सकों की कार्य स्थिति में भी बड़ा सुधार आया है। तिब्बती चिकित्सक पाई जोंग ने कहा:"इस क्लिनिक के नहीं होने के समय सर्दियों में रोगियों को कमरे के बाहर इन्फ़्युशन (Infusion) दिया जाता था। क्योंकि हमारे यहां इलाज के लिये कमरे बहुत कम होते थे। लेकिन सशस्त्र पुलिस की तिब्बत शाखा के जनरल अस्पताल ने हमारे गांव में क्लिनिक की स्थापना की। इसके बाद रोगियों का इलाज कमरे के भीतर ही किया जाता है और उनके लिए उपचार की स्थिति सुविधापूर्ण होने लगी है। ऐसी हालत में हम जैसे चिकित्सकों को भी अच्छा लगता है। पहले मैं रोगियों का इलाज अकेले नहीं कर सकता था। लेकिन प्रशिक्षण लेकर वापस लौटने के बाद मेरा तकनीकी स्तर बढ़ गया और मैं अकेले ही मरीज़ का इलाज कर सकता हूं। मैं कमांडर क्वो का बहुत आभारी हूँ। क्योंकि उनके बिना हमारे गांव की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार नहीं आ सकता था। गांव में सभी गांववासी उनके आभारी हैं। मुझे याद है कि सशस्त्र पुलिस की तिब्बत शाखा के जनरल अस्पताल में प्रशिक्षण लेने के वक्त मैं कभी कभार उनसे मिला थे। उस वक्त वे मुझेसे ऐसे स्वाल पूछते थे, जैसे प्रशिक्षण की स्थिति कैसी है?शिक्षक आप लोगों के साथ कैसे व्यवहार करते है ?इत्यादि। लगता है कि वे हमारा बहुत ध्यान रखते थे।"
कमांडर क्वो के सक्रिय आह्वान पर पिछले 5 वर्षों में चीनी सशस्त्र पुलिस की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश शाखा ने कुल 10 क्लिनिकों की स्थापना की, और नाछ्यु प्रिफेक्चर और आली प्रिफेक्चर जैसे सूदूर क्षेत्र में स्थित 340 प्रशासनिक गांवों में 300 खेपों वाले चिकित्सक भेजे। चिकित्सकों ने समुद्र तल से 5 हज़ार मीटर के 3 सौ से अधिक बर्फीले पहाड़ों पर चढ़कर 50 हज़ार तिब्बती किसानों और चरवाहों का मुफ्त इलाज किया और 430 से अधिक गंभीर स्थिति वाले रोगियों की जान बचाई।