28 मार्च को तिब्बत में दस लाख भूदासों की मुक्ति दिवस है। दस लाख भूदासों की मुक्ति की 55वीं वर्षगांठ को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर, लोगों को प्रचार करके, और विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शनी आयोजित करके मनाया।
दस लाख भूदासों की मुक्ति दिवस का जश्र्न मनाने के लिए प्रचारक दल के सदस्य स्वायत्त प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर जाकर रिपोर्ट देते हैं। जहां भी वे जाते हैं, वहां स्थानीय लोगों से हार्दिक स्वागत मिलता है। सदस्यों ने अपने अनुभव लोगों को बताते हैं।
"वर्ष 2010 में मुझे पहाड़ के बाहर आने का मौका मिला था। उस समय लीनची प्रिफैक्चर के प्रतिनिधि मंडल में शामिल होकर हमने शांगहाई विश्व एक्सपो में बहुत से देशों के भवनों का दौरा किया। हमने कुछ भवनों में बांसुरी, पीपनी और हूलुसी नामक वाद्ययंत्र जैसी वस्तुएं देखीं, जो हमारे पास भी उपलब्ध हैं, या हम उसे बनाने में सक्षम हैं। इस तरह मेरे पास तङरनवासियों का संग्रहालय स्थापित करना का विचार दिमाग में आया ताकि तङरनवासियों की संस्कृति को दूसरों से परिचय करवाया जा सकें।"
मित्रो, अभी आपने जो आवाज़ सुनी वह प्रचारक दल के सदस्य श्या त्यानश्या की है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लीनची प्रिफैक्चर के छायु जिले में तङरन अल्पसंख्यक जातीय लोग बसे हुए हैं, जिसकी जनसंख्या 2000 से भी कम है। श्या त्यानश्या तङरनवासी हैं। इस जाति के लोग लम्बे समय से पहाड़ी क्षेत्र में रहते आ रहें हैं और बाहरी दुनिया के साथ कम संपर्क रखते हैं। बाहरी दुनिया को तङरनवासियों की ज्यादा जानकारी देने के लिए श्या त्यानश्या ने कई मुश्किलों का सामना कर पहला तङरन जातीय संग्रहालय की स्थापना की। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:"एक बार मेरा बेटा बीमार हुआ। पत्नि ने कहा कि तुमने घर के सारे पैसे संग्राहलय में खराब चीज़ें खरीदने में लगा दिए। देखो, अब हमारे पास बेटे की बीमारी का इलाज करवाने के पैसे भी नहीं है। पत्नि ने मुझसे संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं को बेचने का अनुरोध किया, ताकि बेटे का उपचार किया जा सके। लेकिन मैंने कहा कि ये वस्तुएं बेची नहीं जा सकती हैं, क्योंकि ये हम तङरन वासियों की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत हैं। गांव वालों ने भी मुझे नहीं समझा। उन्होंने कहा कि संग्राहलय में प्रदर्शित खराब वस्तुओं को कोई भी देखने नहीं आएगा। छायु जिला शहर से काफी दूर है, यातायात के साधन भी ठीक नही हैं और असुविधापूर्ण है। यहां कौन आएगा?आज भी याद है कि मेरा जवाब था आप लोग चिंता मत कीजिए, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार इस पर जरूर ध्यान देंगी। सड़के और मार्ग की सुविधा जरूर बनेगी और बाहर से लोग जरूर आएंगे।"