वर्तमान में ठोस ईंधन बारूद की नक्काशी पूरी तरह मशीन से की नहीं जा सकती, खासकर रॉकेट और मिसाइल पर। यह विश्व भर में एक कठिन सवाल है। बारूद के खतरे से तकनीशियन कोई गलती नहीं कर सकते। बारूद की सतह सपाट है या नहीं, कितना काटा जाता है, ये सब शू लीपिंग जैसे तकनीशियनों पर निर्भर करता है। शू लीपिंग ने कहा कि बारूद की नक्काशी की सटीकता बहुत अहम है। उन्होंने कहा, अधिक कटने के बाद उसका आकार, साइज और पूर्व डिज़ाइन में अंतर आएगा। काम के दौरान जलना अस्थिर होगा, जो प्रक्षेपण की सटीकता पर प्रभाव डालेगा। अगर ईंधन में चाकू की थोड़ी चिन्ह छोड़ी गयी या बारूद के सतह पर थोड़ा नुकसान पहुंचा, तो सवाल गंभीर होगा। जलते समय उच्च तापमान और उच्च दबाव वाली गैस अंदर दबाये जाने के बाद एक पल में ईंधन की मात्रा विस्तृत होगी, यहां तक कि इससे विस्फोट भी होगा। लंबे समय तक एक जेसजर से बारूद नक्काशी करने और बारूद से विषाक्त होने के परिणाम से शी लीपिंग का शरीर धीरे धीरे एक ओर झुकता है। उनकी एक टाँग मोटी है, जबकि दूसरी टाँग पतली। उनके बहुत से बाल भी झड़ चुके हैं। उनकी पत्नी ल्यांग युएंचिन ने उनसे काम बदलने का सुझाव लिया था। उन्होंने कहा,मैंने कहा था कि तुमने बहुत कष्ट उठाया है। अपने बेटे और मेरे लिए तुम एक सुरक्षित काम करो। लेकिन वे यहां से काम नहीं छोड़ना चाहते। हर बार वे कहते थे कि मैं ये काम पूरा कर सोचूंगा। शी लीपिंग ने वर्ष 1987 में यह काम शुरू किया था। तीसेक साल से शू लीपिंग सख्ती और गंभीरता से काम करते रहते हैं। उनकी नज़र में चाहे काम कितना भी खतरनाक क्यों न हो, किसी को तो उस काम को पूरा करना है। जब उन्होंने चीनी शंगचाओ अंतरिक्षयान और चंद्र सर्वेक्षण यान की उड़ान को देखा, उनका दिल गौरव से भर उठा। शू लीपिंग ने कहा,मुझे लगता है कि यह एक किस्म की भाव और रुख प्रतिबिंबित करता है। हमें गंभीरता से अपना काम करना चाहिए। हम जैसे ज़मीनी स्तर के तकनीशियनों को उच्च मापदंड के साथ अपना काम देखना चाहिए। मुझे लगता है अगर ऐसा भाव और रुख मन में है, तो कोई भी श्रेष्ठ तकनीशियन बन सकता है। (वेइतुङ)
मिसाइल और रॉकेट पर बारूद नक्काशी करने वाला तकनीशिन शु लीपिंग
2017-04-04 16:26:40 cri