फंग हू के इस मछली-बाजार में साल भर चारों मौसमों में लोगों की भीड़ लगती है। पर्यटक चाहे, तो हर वक्त वहां का दौरा कर सकते हैं। एक मछुआरे ने हमारे संवाददाता को जानकारी दी कि जब दुर्लभ एवं कीमती किस्मों की मछलियां बाजार में रखी जाती हैं, तो बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों पक्ष किसी प्रतिष्ठित मछुआरे की अध्यक्षता में बोलियां लगाते हैं। बेशक ये मछलियां उन खरीददारों की झोलियों में जाएंगी, जो उच्च बोलियां लगाते हैं।
इस बाजार में ताओश्याओग्वान नाम के एक मुद्दे की ओर हमारे संवाददाता का ध्यान गया। ताओश्याओग्वान का मतलब स्लीव-फ़िश खाना। यह स्थानीय लोगों की बोली है। बाजार में जो स्लीव-फ़िंश मिलते हैं, वे सब फंगहू खाड़ी के जलक्षेत्र में पकड़े जाते हैं। इस क्षेत्र के पानी में ज्यादा नमक होता है। इसलिए यहां मिलने वाले स्लीव-फ़िश में ज़रा भी फ़िशी स्मेल या टेस्ट नहीं है। अत्यंत ताजा एवं साफ़ होने के कारण स्थानीय लोग अक्सर उन्हें कच्चा खाते हैं। यदि किसी पर्यटक को इस तरह से खाने की हिम्मत नहीं है, तो वो बाजार में मुहैया उबले पानी में इन मछलियों को डाल सकता है और थोड़ी देर बाद उन्हें निकालकर खा सकता है। वाह, क्या स्वाद है। बहुत से पर्यटकों ने कहा कि बार-बार फंगहू आने का उनका उद्देश्य यहां मिलने वाले स्लीव-फ़िश खाना ही है।