हमारे संवाददाता ने श्री तिन छांगजंग से पोताला महल के चौथे रहस्य को लेकर पूछा कि इस महल में आखिरकार कितने कमरे हैं? इस सवाल के जवाब में श्री तिन ने कहा कि कई लोगों ने दावा किया कि इस में 999 कमरे हैं, अगर तिब्बती राजा सुजांगकानबू के संन्यास लेने वाले गुप्त कक्ष को मिलाया जाए, तो कमरों की कुल संख्या 1000 है। लेकिन यह संख्या कितने हद तक सही है? अब भी तय नहीं है।
श्री तिन ने कहा कि 1000 की संख्या का आशय दरअसल ईसा 7वीं शताब्दी में निर्मित पुराने पोताला महल से है। यह महल बाद में युद्ध एवं प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हुआ था। आज हमने जो पोताला महल देखा है, वह ईसा 17वीं सदी में पांचवें दलाई लामा के शासनकाल में निर्मित है। लेकिन किसी भी ऐतिहासिक ग्रंथ में उसके कमरों की संख्या कभी कलमबद्ध नहीं पाई गई है। इसके बाद के लम्बे अरसे में इस महल का अनेक बार पुनर्निमाण किया गया और कमरों की संख्या भी लगातार बदलती गई। बार-बार पुनःनिर्माण के चलते महल की संरचना भी जटिल हो गई। 20 साल पहले इस महल के फिर एक बार जीर्णौद्धार पर पहले चरण का काम शुरू होने से पहले श्री तिन छांगजन ने एक वरिष्ठ कामगार के साथ महल के कमरों को सटीक रूप से गिनाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे। इसका कारण है कि तिब्बती वास्तुशैली के अनुसार किसी मकान में स्तंभों की संख्या उसके कमरों की संख्या तय करती है, अथार्त कमरों की संख्या स्तंभों की संख्या पर निर्भर करती है। लेकिन पोताला महल की संरचना अत्यंत पेचीदा है। महल में कमरे विभिन्न आकार के हैं, क्योंकि वे स्तंभों के बंधन में हैं, बल्कि स्तंभ पहाड़ के साथ होने के कारण लगाए गए हैं। इसलिए प्रचलित तरीके से कमरों की गिनना करना बेकार साबित है। देश के संबंधित विशेषज्ञों ने भी साझा रूप से पोताला महल में कमरों की सही संख्या जानने की कोशिशें कीं, तरह-तरह के उपाय अपनाए, लेकिन उन्हें भी हार मानी पड़ी। आधुनिक नाप और गणना के तरीके पेजीदा संरचना वाले पोताला महल के सामने बेकार साबित हुए हैं। इसलिए पोताला महल में कमरों की संख्या आज भी एक रहस्य है।