मैगनोलिया फूल और मीठे पहाड़ी पानी से विख्या यह मंदिर यात्रियों के लिए पुष्प देखने और चाय पीने की अच्छी जगह भी है।
पेइचिग के हाईत्यैन जिले में यांग थाई पहाड़ी की तलहटी में स्थित यह मंदिर बहुत पुराना है, जिसका निर्माण सन 1066 के ल्यओ राजवंशकाल में शुरू हुआ था। उसका मूल नाम चिंग श्वी मंदिर था। इस मंदिर की देखरेख करने वाले कार्यालय के कर्मचारी वांग सुंग ने इस मंदिर के इतिहास के बारे में कहाः
' सन 1428 में मिंग राजवंश के श्वान त महाराजा ने मंदिर का पुनःनिर्माण करने का आदेश दे दिया था और मंदिर का नाम बदलकर महाबुद्धि करवाया था। तब से आज तक 600 साल बीत चुके हैं। मंदिर में ज्यादातर मकान मिंग राजवंशकाल की वास्तुशैली में बनाए गए हैं, तो भी पूरे मंदिर का ढांचा ल्याओ राजवंशकाल का है या मंदिर पूर्व की ओर मुखातिब है। '
महाबुद्धि मंदिर पहाड़ी के साथ-साथ बना हुआ है केंद्रीय धुरी के दोनों भाग संतुलित है। मंदिर के परिसर में उत्तरी, मध्य एवं दक्षिणी दिशाओं में क्रमशः भिक्षुओं के कमरे, मंदिर और महल हैं। दक्षिणी दिशा में छिंग राजवंशकाल के सम्राटों के महल थे। उनमें से सी ई थांग विख्यात युंगजन सम्राट का रहने वाला महल है। श्री वांग सुंग ने इस महल की जानकारी देते हुए कहाः
' इस महल का नाम सम्राट युंगजन ने खुद दिया था। सी ई थांग नाम का चीनी में अर्थ है वसंत, ग्रीष्म,पतझड़ और सर्दी चारों मौसमों में आरामदेह महसूस कराने वाला महल। कहा जाता है कि इस महल के परिसर में वसंतकाल में लोगों को खिले रंगबिरंगे फूलों को देखने, ग्रीष्मकाल में अनुकूल हवा लेने, पतझड़ में उज्जवल चाँद और सर्दी में बर्फबारी देखने का आनन्द मिलता है। '