मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स सहयोग प्रणाली की स्थापना के पिछले 10 सालों में विश्व अर्थतंत्र की समृद्धि को आगे बढ़ाने, विकासमान देशों के स्थान को उन्नत करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया है। नयी परिस्थिति में ब्रिक्स देशों को हाथ मिलाकर एक साथ 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम का कार्यान्वयन करना चाहिए और जी-20, विश्व व्यापार संगठन आदि अहम बहुपक्षीय ढांचे में और बड़ी भूमिका अदा करनी चाहिए। भारत अर्थतंत्र व व्यापार, पूंजी, वित्त, कृषि, शहरीकरण, बुनियादी संरचनाओं और सुरक्षा आदि क्षेत्रों में सहयोग करने का पक्षधर है।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जूमा ने कहा कि ब्रिक्स के पाँच सदस्य देशों की आबादी विश्व की आबादी का आधा भाग है। यदि हम साथ मिल जाए, तो विश्व आर्थिक विकास को आगे बढ़ा सकेंगे और जन-जीवन गुणवत्ता का सुधार कर सकेंगे। दक्षिण अफ्रीका ने जल संसाधन, डिजिटल अर्थतंत्र, पूंजी निवेश, सृजन, मध्यम व छोटे कारोबारों, बाहरी अंतरिक्ष, गहरे समुद्र और इंटरनेट आदि क्षेत्रों में सहयोग करने का विचार पेश किया।
ब्राजिल के राष्ट्रपति मिशेल टेमेर ने कहा कि ब्रिक्स देश बराबर चुनौतियों का सामना करते हैं, इसलिए सभी को हाथ मिलाकर मुसीबतों को दूर करना चाहिए। ब्राजिल ने ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार, पूंजी निवेश के सुविधाकरण को आगे बढ़ाने, वित्तीय, वैज्ञानिक व तकनीक, पर्यावरण और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों के सहयोग साझेदारी संबंधों को मजबूत करना चाहिए। ताकि ब्रिक्स के विभिन्न देशों की जनता सहयोग से प्राप्त लाभांश को पूरी तरह से महसूस कर सकें।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के विकास व सहयोग ने वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान में अहम भूमिका अदा की है। हमें पिछले साल के ऊफा भेंटवार्ता में पारित ब्रिक्स देशों के आर्थिक साझेदारी रणनीति का अच्छी तरह कार्यान्वयन करना चाहिए और अनवरत संसाधन, वित्त, व्यापार, पूंजी निवेश, ई-इकनॉमिक, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि क्षेत्रों के सहयोग को मजबूत करना चाहिए। रूस का विचार है कि ब्रिक्स देशों को मिलकर एक साथ अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय प्रशासन के सुधार को आगे बढ़ाना चाहिए।