आपको शायद याद हो कि वर्ष 2007 में जब ब्रिटेन के क्रूज काफिले का नम्बर 2 मारिया क्वीन जहाज हांगकांग आया, तो समुचित बंदरगाह नहीं होने की वजह से उसे एक कंटेनर टर्मिनल पोर्ट पर खड़ा होना पड़ा। दरअसल हांगकांग में क्रूज-जहाज के लिए एक बन्दरगाह था, जो पुराने छि त हवाई अड्डे के पास था। पर 2013 से पहले कई सालों तक वह बन्द रहा था। 2013 में उसका पुनः प्रयोग शुरू किया गया। अनुमान है कि चालू वर्ष 90 क्रूज-जहाज इस बन्दरगाह पर लंगर डालकर खड़े होंगे। यह संख्या अगले साल 162 हो जाएगी।
वर्तमान सयम में इस बन्दरगाह पर प्रतिघंटे 3000 पर्यटक आते-जाते हैं।
हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के होटल और पर्यटन प्रबंधन कालेज के विजिटिंग प्रोफेसर श्वी ह्वईछुन ने कहा कि आज क्रूज-जहाज आकार में पहले से बड़े हो गए हैं और उनपर सवार लोगों की सख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में हांगकांग प्रशासन को ऐसा करना चाहिए कि कस्टम पर ज्यादा कर्मचारी तैनात किए जाए और उन्हें जरूरी औपचारिकताएं निपटाने के लिए जहाज पर भेजा जाए, ताकि निकासी-प्रक्रिया में तेजी आए। श्रीमती श्वी ने कहाः
प्रशासन को आव्रजन विभाग के कई अधिकारियों को जहाज पर भेजना चाहिए। इस तरह पर्यटकों के जहाज से उतरकर कस्टम की औपचारिकताएं निपटाने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी। ऐसे में पर्यटक बचे हुए अधिक समय में शोपिंग और अन्य उपभोग कर सकते हैं।
हांगकांग में और एक क्रूज जहाज बंदरगाह है, जो च्यैन शा त्सु क्षेत्र में स्थित है। हांगकांग प्रशासन चाहता है कि हांगकांग के बढ़िया लोकेशन और गहरे पानी वाले विक्टोरिया बन्दरगाह का फायदा उठाकर बुनियादी ढांचे एवं उससे मिलने वाले संस्थापनों को बेहतर बनाया जाए, जिससे कि हांगकांग एशिया में एक प्रमुख क्रूज हब बन जाए और हांगकांग के आर्थिक विकास में क्रूज-पर्यटन एक नई शक्ति की भूमिका अदा करे।
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