गत महीने के अंत में इस प्राचीन नगर के भवन-क्षेत्र में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पैदल चलने वाली सभा आयोजित हुई। एशिया का प्रथम प्राचीन दुर्ग कहलाने वाले इस भवन-क्षेत्र में पर्यटकों को चीनी संस्कृति खासकर शानशी की स्थानीय संस्कृति की प्रगाढता का अनुभव हुआ।
सुबह नौ बजे प्राचीन नगर के भवन-क्षेत्र में नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ, जो महाराजा के स्वागत में नगर का दरवाजा खोलने की परंपरागत रस्म पर आधारित है। कार्यक्रम में एक महाराजा शाही सत्ता का प्रतीक वाले ड्रैगन-परिधान और बड़ी गंभीरता एवं गौरव की मुद्रा में नगर की ओर आ रहे थे। पालकी, जिसमें महाराजा सवार थे, उठाने वाले एक जवान ने आवाज लगाईः महाराजा आ रहे हैं। यह आवाज सुनकर पर्यटक गाइड के निर्देशन में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वालों के दल में शामिल हो गए और 'महाराजा' के साथ 300 साल पहले जैसे प्राचीन भवन-क्षेत्र का दौरा शुरू किया।
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