विश्लेषकों के अनुसार ल्हासा में जो पर्यटक आते हैं, उनकी संख्या तिब्बत के अन्य क्षेत्रों से कहीं अधिक है। पर्यटकों ने ल्हासा के स्थानीय लोगों के जीवन में आधुनिकता लाई है। स्थानीय लोगों का जीवन पहले से कहीं अधिक समद्ध और व्यस्त हुआ है। इसलिए ल्हासा में केएफसी जैसे पश्चिमी फास्ट फ़ूड रेस्ट्रां खोलना बिल्कुल जायज है।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2004 में ही अमेरिकी फास्ट फ़ूड कंपनी केएफ़सी ने तिब्बत में केएफसी रेस्ट्रां खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन दलाई लामा ने इस कंपनी के नाम पत्र लिखकर उससे इस योजना को छोड़ने की मांग की। दलाई लामा ने तर्क दिया कि चिकन की हत्या पशुओं का नाश है और तिब्बती लोग चिकन और फिश बहुत कम खाते हैं। मांसाखार मूल्य के प्रति तिब्बतियों के दृष्टिकोण का उल्लंघन है। लेकिन बाद में लोगों ने पाया कि खुद दलाई लामा को गोश्त खाना बहुत पसंद है। हालांकि केएफसी कंपनी दलाई लामा के हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हुई।