चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 24 सितंबर की रात वॉशिंगटन के ब्लेयर हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वार्ता की। शी चिनफिंग ने चीन और अमेरिका के बीच पारस्परिक रणनीतिक विश्वास और नयी किस्म वाले बड़े देशों के संबंधों को निरंतर आगे बढ़ाने पर बल दिया।
ब्लेयर हाउस में दोनों देशों के नेताओं ने तीन घंटे तक चीन-अमेरिका संबंधों और देश के प्रशासन समेत समान रूचि वाले बड़े मुद्दों पर रायों का आदान प्रदान किया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जोसेफ बिडेन और विदेश मंत्री जॉन केरी समेत अमेरिकी अधिकारी इसमें उपस्थित हुए।
शी चिनफिंग ने बल देकर कहा कि सुधार और खुलापन चीन की बुनियादी नीति है और बाद में चीन के विकास को बढ़ाने वाला मूल इंजन भी है। शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर चलना चीन का रणनीतिक विकल्प है। इसके साथ ही हम अपनी प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास के हितों की डटकर रक्षा करेंगे।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सेदार, निर्माणकर्ता, योगदानकर्ता और लाभार्थी भी है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सुधार कर उसे अधिक न्यायपूर्ण और समुचित दिशा की ओर बढ़ाना है।
बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका चीन के शांतिपूर्वक उभरने का स्वागत करता है। एक स्थिर और समृद्ध चीन न सिर्फ चीनी जनता के हितों से मेल खाता है, बल्कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हितों में भी है। विश्व बहु ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रहा है। चीन समेत नवोदित देशों की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में बोलने के अधिकार और प्रतिनिधित्व उन्नत किया जाना चाहिए। अमेरिका को आशा है कि चीन विश्व में अधिक बड़ी भूमिका निभाएगा।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और अमेरिका को उच्च स्तरीय पारस्परिक रणनीतिक विश्वास बढ़ाना चाहिए। चीन और अमेरिका के बीच मुठभेड़ और मुकाबला न करना और पारस्परिक सम्मान, सहयोग और समान विजय चीन की विदेश नीति की प्राथमिक दिशा है। चीन और अमेरिका के बीच कुछ मतभेद ज़रूर मौजूद हैं, पर समग्र स्थिति को देखा जाए दोनों देशों के समान हित मतभेद से बहुत बड़े हैं और सहयोग हमेशा मुख्य धारा में है। तथ्यों से सिद्ध हुआ है कि नयी किस्म वाले बड़े देशों के संबंधों के निर्माण का लक्ष्य बिल्कुल सही है।
ओबामा ने कहा कि बड़े देशों खासकर चीन और अमेरिका को मुठभेड़ से बचना चाहिए। मुझे विश्वास है कि चीन और अमेरिका के पास मतभेद नियंत्रित करने की क्षमता है। चीन और अमेरिका के बीच स्पर्धा का रचनात्मक और सकारात्मक महत्व होना चाहिए।