वास्तु निर्माण में रोगन का प्रयोग
2015-03-25 16:16:04 cri
मिडं और छिडं राजवंशों के समय रोगन के रंगों के चुनाव व प्रयोग पर कड़ी पाबंदी लगा दी गयी। पीला रंग केवल शाही महल और मंदिरों में प्रयुक्त हो सकता था। छिडं राजवंश के सम्राट छ्येनलुडं(1736-1796) के समय शाही निर्माण में कमी आई और रोगनयुक्त उत्पादनों की मांग भी कम हुई। भट्ठा हाएवाडं गांव से स्थानान्तरित होकर च्यूलुडं पहाड़ की तलहटी में चला गया।
चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद भट्ठे को पेइचिंग रोगनयुक्त उत्पादन संयंत्र के रूप में विस्तृत किया गया। यहां पारंपरिक ईंट, खपरैल और दूसरी इमारती सामग्रियों के अतिरिक्त गुलदान, स्टूल, सोनमछली टैंक आदि 500 अन्य प्रकार की सामग्रियों का भी उत्पादन होता है।