दावेदारी कितनी मजबूत
वर्ष 2008 में ओलंपिक की मेजबानी पेइचिंग में करवाने में सफल होने वाले चीन ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को दिखा दिया कि वह सिर्फ एक दर्शक ही नहीं हैं बल्कि खेल में प्रतियोगी बनकर हिस्सा लेने वाला देश भी है। वर्ष 2008 के ओलंपिक खेल को सफल बनाने के लिए चीन ने काफी मेहनत की। ओलंपिक को ग्रीन ओलंपिक बनाने के लिए चीन ने उस दौरान देश में फैल रहे प्रदूषण को रोकने की भी पूरी तैयारियां की। उस दौरान देश में चल रहे तमाम कंस्ट्रक्शन के सभी कार्य बंद करवा दिए गए। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखते हुए ट्रांसपोर्ट की सही व्यवस्था की गई। क्योंकि ओलंपिक में एथलेटिक्स व दूरगामी खेलों के लिए हवा का स्वच्छ होना आवश्यक बताया जाता है। वर्ष 2008 में पेइचिंग में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेल की ओर सबकी निगाहें टिकी हुई थी।
अभी हाल ही में जब कुछ देसी-विदेशी पत्रकारों और अनेक देशों के डिपलोमैट्स के एक दल ने उन स्थानों का दौरा किया, जहां शीतकालीन ओलंपिक गेम्स खेले जाएंगे, तो सभी ने पाया कि पेइचिंग, यानछिंग और च्रांगचियाखोउ में वो तमाम प्राकृतिक परिस्थितियां और बुनियादी सुविधाएं हैं, जो शीतकालीन ओलंपिक की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए आवश्यक हैं। पेइचिंग, यानछिंग, और च्रांगचियाखोउ वर्ष 2022 शीतकालिन ओलंपिक गेम्स के खेल क्षेत्र हैं।