भारत में चीनी कंपनियों के कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण देने और संबंधित परामर्श सेवा देने के फलस्वरूप ली च्यान की कंपनी का नाम भारत में स्थित अन्य दूसरी चीनी कंपनियों के बीच जाना-माना नाम बन गया है। अन्य कंपनियों के कर्मचारियों में संबंधित प्रशिक्षण और परामर्श लेने के बाद भारत में पूंजी निवेश करने से जुड़ी जानकारी बढ़ गई हैं और वे बिना किसी रूकावट के ज्यादा से ज्यादा भारत में काम करने लगे हैं। इस तरह अब अधिक से अधिक नई चीनी कंपनियां ली च्यान के साथ सहयोग करने लगी हैं।
बताया जाता है कि वर्तमान में भारत में ह्वावेई, चोंगशिंग, वूख्वांग और शोकांग समेत 5 सौ चीनी कंपनियां हैं, जिनके व्यावसायिक दायरे में बिजली, दूरसंचार, भारी मशीनरी, चिकित्सा उपकरण और कच्चा माल आदि शामिल हैं। इधर के दो सालों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक साइकिल, पर्यटन और माइक्रो-ब्लाग जैसे क्षेत्रों में चीनी कंपनियों का व्यापार दिन ब दिन विस्तार हो रहा है। चीन और भारत अभूतपूर्व गति, गहराई और व्यापकता के साथ समान जीत की प्राप्ति के लिए सहयोग करते हैं। ली च्यान ने कहा कि अब वह अपनी कंपनी के व्यापार को चीनी कंपनियों से भारतीय उद्योगों तक विस्तार कर रहा है। ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। उसे आशा है कि भारत में अधिक से अधिक चीनी कंपनी बेरोकटोक अपना व्यापार कर सकेंगी। उसने विश्वास जताया कि भारतीय बाजार में भारी निहित शक्ति मौजूद है, जो उस जैसे चीनी व्यापारियों को अपार व्यापारिक मौका और सुनहरा भविष्य मिलेगा।
चाहे चीन में राहुल जैसे भारतीय व्यापारी हो, या भारत में चीनी व्यापारी ली च्यान हो, वे एक दूसरे देश में जाकर अपने सपनों को बखूबी अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं, वे चीनी और भारतीय जनता के बीच पारस्परिक समझ को मज़बूत करने और आर्थिक आवाजाही को आगे बढ़ाने में अपना योगदान भी कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि चीन और भारत के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही लगातार मज़बूत होने के चलते ज्यादा से ज्यादा चीनी और भारतीय व्यापारियों को सफलता मिलेगी और उनका जीवन और सुनहरा होगा।