राहुल द्वारा प्राप्त सफलता का श्रेय उसकी अथक कोशिश को जाता है। अपने लक्ष्य को साकार करने के लिए उसने दूसरों से अधिक प्रयास व परिश्रम किया। राहुल की कंपनी के कर्मचारियों की नज़र में राहुल एक बहुत मेहनती व्यापारी और श्रेष्ठ बॉस है। कंपनी के एक कर्मचारी का कहना है:
"मुझे लगता है कि चाहे दूसरे ग्राहकों के साथ संपर्क बनाना हो, या कंपनी के कार्यों में समन्वय बैठाना हो, सभी कार्यों में वह बहुत श्रेष्ठ हैं।"
"वह एक बहुत जिम्मेदार इंसान हैं। वह बहुत मेहनत से काम करते हैं।"
राहुल ने बताया कि इधर के दो सालों में चीन में व्यापार करना ज्यादा से ज्यादा सुविधापूर्ण होने लगा है। उसे याद है कि चीन आने के शुरूआती समय में उसे वीज़ा की वजह से हर दो या तीन माह में भारत वापस लौटना पड़ता था। अब वीज़ा की अवधि लम्बी हो गई है। अब वह एक साल में एक बार भारत वापस लौट सकता है। चीन और भारत के चक्कर लगाते हुए थकान होने के बावजूद राहुल बहुत खुश है। उसे आशा है कि अपनी कोशिश के जरिए व्यापार का विस्तार करेगा। यदि दुनिया भर में अपना व्यापार फैलाया जाए, तो बहुत अच्छा होगा।
फिलहाल, राहुल को अपना चीनी जीवन बहुत पसंद आ रहा है। उनकी अगले साल अपनी चीनी प्रेमिका के साथ शादी रचाकर चीन में स्थाई तौर पर रहने की योजना है। अगर मौका मिला तो वह अपने माता पिता को भारत से बुलाकर चीन में उनके साथ रहेंगे। राहुल अपनी उम्मीदों को पूरा करने के लिए प्रयासरत है।