पिन शिन के पूर्वकालीन कविता संग्रह, ठीक ही टैगोर की कविताओं के प्रभाव में आकर लिखे गये थे।क्वो मोरुओ और पिन शिन के अलावा, अनेक चीनी लेखक और कवि टैगोर से प्रभावित हुए। वे थे, श्यू चीमो,वांग थोंगचाओ और चङ चनत्वो आदि। चीनी जनता टैगोर से प्यार करती है, यह चीन से टैगोर के लगाव से अलग नहीं किया जा सकता। टैगोर प्राचीन चीनी संस्कृति का बहुत सम्मान करते थे। औऱ चीनी जनता के साथ भाई चारापूर्ण भाव रखते थे।
बीस वर्ष की उम्र में टैगोर मौत का व्यापार शीर्षिक एक पेपर लिखा था। पेपर में बरतानवी उपनीवेशवादियों की चीन में अफीम व्यापार करने पर कड़ी निंदा की। सन उन्नीस सौ चौबीस में मैत्री की खोज के लिए चौंसठ वर्षीय टौकोर ने चीनी जनवादी क्रांति के महान नेता डाक्टर सुन यात सन के निमंत्रण पर चीन की यात्रा की।
अपने निमंत्रण पत्र में डाक्टर सुन यात सन ने कहा, यदि मुझे आप का स्वयं स्वागत करने का अवसर प्राप्त होगा, तो मैं बेहद गौरव महसूस करुंगा।
इस के केवल यह कारण नहीं है कि आप ने भारतीय साहित्य के विकास में चार चांद लगा दिया, बल्कि इसका यह भी कारण है कि आप मानव जाति की खुशहाली के लिए भरपुर प्रयत्न कर रहे हैं।
12 अप्रैल को टैगोर एक पानी जहाज़ पर सवार हुए शांगहाई पहुंचे। शांगहाई के विभिन्न तबकों के लोगों ने उन का हार्दिक स्वागत किया। टैगोर चीन में कोई 50 दिन ठहरे। उन्गोंने खुशी-खुशी शांगहाई, हांगचओ, नानचिन, पेइचिंग, थाईव्येन और हेनखो आदि शहरों की यात्रा की। यात्रा के दौरान, उन और सुप्रसिद्ध लेखक और कलाकार वांग थोंगचाओ,श्यू चीमो और मई लानफ़ांग आदि के बीच गहरी मैत्री कायम हुई। पेइचिंग में उन्होंने छिंग ह्वा युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के साथ दिल खोल कर बातचीत की। उन्होंने अनेकों बार उत्साहपूर्ण व्याख्यान दिये। उन्होंने कहा कि मुझे यह कारण नहीं मालूम है कि मुझे चीन को अपनी ही मातृभूमि लगती है, चीन और भारत पुराने और प्रियतम भाई-भाई है। 13 अप्रैल को उन्होंने शांगहाई में अपने एक भाषण में बड़े जोश के साथ चीनी श्रोताओं से कहा, मुझे पक्का विश्वास है कि आप लोगों का एक महान और उज्जवल भविष्य होगा, जो भी एशिया का भविष्य होगा। मेरी आशा है कि आप के राष्ट्र का पुनः उत्लाव हो जाएगा।
टैगोर भारत चीन की परम्परागत मैत्री को बेहद कीमती समझते थे। उन की यह उत्कट अभिलाषा थी कि दोनों देश एकजुट होकर नये एशिया का निर्माण करे। उन्होंने कहा कि चीन और भारत की मैत्री और एकता, संघर्षरत एशिया का शइला है।