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चीन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मेडिकल मिशन यानी the Indian congress medical merson to china का इतिहास एक वीर काव्य सा है। वह इस बात का द्योतक है कि दुनिया में उत्पीड़ित औऱ शोषित जनता की चेतना में फाशिज्म और साम्राज्यवाद का विरोध करने औऱ मुक्ति प्राप्त करने के संघर्ष में एक गुणात्यक छलांग लगायी गई है। जबकि इस मेडिकल मिशन के सदस्य डाक्टर द्वारगनाथ शान्ताराम कोटनीस ने उत्तरी चीन के युद्ध मैदान में जो कारनामा किया औऱ चीनी जनता की सवा में जो आत्म बलिदान किया, वह इस महा काव्य का एक सब से शान्दार अध्याय है।
यह सर्वविदित है कि वर्ष 1937 में जापानी सैन्यवादियों ने चीन के खिलाफ चौतरफा आक्रमणकारी युद्ध छेड़ दिया। चीन भर की जनता जापानी आक्रमण का विरोध करने औऱ जापानी कब्जे से आजादी प्राप्त करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में जांबाज संघर्ष में कूद पड़ी। इसी बीच, दुनिया के अनेक देशों की जनता चीनी जनता के पक्ष में खड़े होकर उस की यथासंभव सहायता देने लगी। भारतीय जनता उन में से एक थी। भारतीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरु के आवाहन में आकर लोगों ने चीन सहायता आन्दोलन का सूत्रपात किया और अनेक बार (all Indian china day )ऑल इन्डिया चाइना डे मनाया। भारत के शहरों औऱ कस्बों में लोगों ने तरह तरह की सभाएं बुलाकर जापानी आक्रमण औऱ जापानी सैनिकों के जुल्मों की निंदा की।
इसी दौरान, डाक्टर मदन मोहन अटल ने लन्दन में अन्य साथियों के साथ चीन की मदद के लिए एक चिकित्सा दल संगठित करने की योजना बनायी। साथ ही इस योजना पर अमल करने के लिए चीन भारत कमेटी की स्थापना की।
अक्तूबर 1937 में राष्ट्रीय कांग्रेस ने एk प्रस्ताव पारित कर जापानी आक्रमण की कड़ी निंदा की औऱ चीनी जनता का भरपूर समर्थन किया।