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    संडे की मस्ती 2014-09-14
    2014-09-15 09:23:39 cri

    हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेरा साथ दे रही है लिली जी...।

    लिली- हैलो दोस्तों, आप सभी को लिली का प्यार भरा नमस्कार.....।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम शुरू करते हैं मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स, क्योंकि आपके पत्रों के बिना हमारा कार्यक्रम रहता है अधूरा। पर दोस्तों, हम बताना चाहेंगे कि आज हमारे कार्यक्रम की अवधि पहले की तुलना में थोड़ा कम है। चलिए.. शुरू करते हैं पत्रों के पढ़ने का सिलसिला।

    लिली- हमें पहला पत्र मिला हैं सउदी अरब से हमारे भाई सादिक आजमी जी का। भाई सादिक जी लिखते हैं... नमस्कार दिनांक 7 सितम्बर का साप्ताहिक और हमारा सबसे मनपसंद कार्यक्रम " सण्डे का मस्ती" का ताज़ा अंक सुनना सार्थक हुआ जब अखिल जी और मीनू जी ने मस्ती और ज्ञान का पिटारा खोला। आरम्भ में हमारे पत्रों को जगह मिलना दिल प्रसन्नता से झूम उठा यह आपका अथाह प्रेम है जो हम पर निरंतर बरसता है। पहली रिपोर्ट से मालूम हुआ कि चीन में वेबसाइट वेवो पर एक खबर धूम मचा रही है यानी एक युवक माँ की तलाश में 1 लाख 62 हज़ार अमरीकी डॉलर खर्चने को तैयार है पर मुझे इसमे प्रेम और मानवता के प्रति श्रद्धा कम और लोकप्रियता की प्राप्ति की लालसा अधिक झलकती है। चीन के छिंगश्यांग शहर की एक 70 साल की महिला द्वारा एकत्रित रूपये को अलमारी मे ज़मा करने और कीड़ों द्वारा उन रूपयों को कतरना वाकई हैरान करने वाली घटना लगी। इसके अलावा नशे की हालत मे ड्राईव करना कितना घातक होता है इसका सही उदाहरण मिला चेन्नई मे ट्रफिक पुलिस के साथ मिलकर बनाये गये वीडियो से।

    अखिल- आगे सादिक भाई लिखते हैं... हँसी मज़ाक़ के बीच हर सप्ताह अखिल जी जीवन के महत्व को समझने हेतु कोई न कोई उपदेशात्मक कथा हमको सुनाते हैं जो दिल को छू जाती है इसी क्रम में आज गुलाब के पत्ते और चींटी की कहानी अत्यंत शिक्षाप्रद लगी। सच है कि हमें अपने जीवन को किसी ऐसे कार्य के प्रति समर्पित करना चाहिये जिससे किसी का भला हो तभी हमारे जीवन का उद्देश्य पूरा होगा। इसके बाद 10 महत्वपूर्ण बातों का बताया जाना बहुत रोचक लगा। प्रेरणादायी बातों के क्रम को आगे बढ़ाते हुए बच्चों के प्रति हमारे दायित्व को समझाती कहानी मन को छू गई। ये 100 फ़ीसदी सच है कि आज के आधुनिक और भागदौड़ भरे जीवन में हम अपने बच्चों को वो स्नेह और प्यार नहीं दे पा रहे हैं जिसके वो हक़दार हैं। हमें इस पर गम्भीरता से विचार करना होगा।

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