जहाजनुमा शहर---ह्वेएआन
ह्वाएआन हानक्वो नहर के उत्तरी अंतिम छोर पर स्थित है, जो तीन नगरों को जोड़ता है, जिस में से दक्षिणी नगर का निर्माण ई. 352 में हुआ था। उत्तरी तथा केंद्रीय नगरों का निर्माण क्रमशः दक्षिणी सुडं(1127-1279) तथा मिडं राजवंश(1368-1644) कालों में हुआ था। ह्वाएआन यानी "ह्वाएआन की शांति"नाम दक्षिणी सुडं काल में पड़ा, जब इस बात पर विश्वास किया जाता था कि यह नगर ह्वाएहो नदी से उठने वाली विपत्तियों को शांत रखेगा। दक्षिणी सुडं काल में एक रेस्तरां का निर्माण 8 मीटर ऊंचे एक पथरीले प्लेटफार्म पर किया गया, जिसका नाम भी इसी वजह से"ह्वाएआन शांति"रेस्तरां पड़ा। हानक्वो नदी को चौड़ा करने के बाद ह्वाएआन एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह बन गया तथा क्योंकि महानहर यहां ह्वाएहो नदी में गिरती है और इसी के चलते यह संपूर्ण राजवंशों में अनाज-परिवहन प्रशासन का एक मुख्य अड्डा बना रहा। अपने यश के चलते इसे अक्सर "दक्षिण-पूर्वी चीन का प्रथम प्रिफैक्चर"कह कर पुकारा जाता था।
ह्वाएआन अनेक ऐतिहासिक विभूतियों का जन्मदाता भी रहा है। उनमें से पश्चिमी हान काल के गद्य-लेखक मेई छडं तथा उनके पुत्र मेई काओ, दक्षिण सुडं काल की देशभक्त वीरांगना ल्याडं हुडंय्वी, मिडं काल के महान उपन्यासकार और "पश्चिम की यात्रा"के लेखक ऊ छडंअन तथा छिडं राजवंश के देशप्रेमी जनरल क्वान थ्येनफेइ, जिन्होंने 1840 में अफीम युद्ध में अपनी असाधारण योग्यता का परिचय दिया, के नाम उल्लेखनीय हैं। आदरणीय चीनी प्रधान मंत्री चओ अनलाए भी ह्वाएआन के मूल निवासी थे। उन का जन्म 5 मार्च 1898 को"ह्वाएआन शांति भवन"के उत्तर-पश्चिम से कोई 300 मीटर दूर एक छोटी गली में हुआ था। 1976 में अपनी मृत्यु से पहले प्रधान मंत्री चओ ने ह्वाएआन की स्थानीय सरकार को निर्देश दिया था कि उनके भूतपूर्व निवास को न तो स्मारक स्थल बनाया जाए और न ही वहां रहने वाले लोगों को हटा कर दर्शकों के लिए इसे खोला जाए। बाद में उन की स्मृति में उनरे निवास स्थान की पुनः मरम्मत की गई तथा उसे उसी प्रकार व्यवस्थित रखा गया जैसे 1910 में था। उनकी मृत्यु के बाद उन के 81वें जन्मदिवस के अवसर पर इसे जनता के लिए खोला गया।