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याडंचओ में याडंचिचिन नदी पर स्वेई राजवंश(581-618) काल में सम्राट याडंती द्वारा निर्मित एक राज प्रासाद खड़ा है। महानहर से छाडंच्याडं नदी की निकासी का कार्य स्वेई और थाडं राजवंश कालों के दौरान हुआ था। काओमिन मंदिर याडंचिचिन से कोई 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह वह राजप्रासाद है जहां दक्षिण की अपनी यात्रा के दौरान छिडं राजवंश(1644-1911) काल के सम्राट खाडंशी और छ्येनलुडं कई बार रहे थे। स्वेई और थाडं कालों में उत्तरी याडंचओ में महानहर का द्वार चूय्वीवान था और याडंचओ के पूर्वी भाग में हानक्वो नहर की एक शाखा पश्चिमी हान(ई.पूर्व. 206—ई.8) काल में नमक के वहन के लिए राजा ल्यूपी द्वारा खुदवाई गई थी। हाल ही के वर्षों में इस नगर में राजा फ़ूछाए के सैन्यदलों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले हथियार और थाडं राजवंश काल में निर्मित"नानमू" लकड़ों से बनी एक पुश्ताबन्दी का पता चला। पुरातत्वज्ञों ने यह भी खोज निकाला कि लघु पश्चिमी झील मूलतः याडंचओ नगर से महानहर तक के घेरे में फैली एक खाई थी।
पूर्वी याडंचओ नगर से कोई 14 किलोमीटर की दूरी पर ए प्रमुख च्याडंतू जल नियंत्रण परियोजना स्थित है। इसमें चार विद्युतपंपिंग स्टेशन हैं, जिन में 33 पंपिंग मशीने हैं, इनसे प्रति सैकिंड 473 घन मीटर पानी खींचा जा सकता है। इस के अलावा, 12 जल द्वार, पांच पोत बंध, दो पुलियां तथा मछलियों के आवागमन के लिए दो जल मार्ग भी शामिल हैं। शक्तिशाली छाडंच्यांड नदी का जल उत्तर के सूखायुक्त क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए इस परियोजना का निर्माण अब पूरा हो चुका है।