चीन में आज मेरी यह यात्रा का पांचवां दिन था ।करीब 250 किलोमीटर तय करके हम वीरान और निर्जन भूमि की यात्रा करते हुए चुंग वेइ शहर पहुंचे ।यहां सब से पहले हमें मिंग शासन काल के बने हुए 600 वर्ष पुराने एक मंदिर पहुंचे ,जो बौद्ध धर्म ,ताओ धर्म और कम्फ्यूशियस धर्म पर केंद्रित था ।वहां पूजा अर्जना के बाद हम मुख्य स्थल शापोतो स्थान पर पहुंचे ,जहां कि छटा अनुपम एवं बेमिसाल थी ।शापोतो रेगिस्तान और साथ में येलो रेवर की खूबसूरती देखते ही बनती थी ।पहले हम रोपवे की सहायता से शापोतो ऊंचे पहाड पर चढे । यहां हम ने शापोतो रेगिस्तान में सर्फिंग की।यह अपने आप में एक यादगार और अविस्मर्णीय यात्रा रही ।कभी ऊंचे पहाड थे ,तो कभी नीचे पहाड ।इन सब के बीच यात्रा करना अपने आप में एक यादगार क्षण थे ,जब हम नीचे उतरने लगे ,तो हमें डिजर्ट स्लाडिंग का इस्तेमाल कर नीचे आना पडा ।यद्यपि मुझे डर लग रहा था ,किंतु सब को नीचे आते देख मेरी भी हिम्मत बंधी और मैं खुशी खुशी नीचे आ गये ।इस के बाद हम ने येलो रिवर पर बकरी के खाल से बने नावों पर सवार होकर यादगार यात्रा की ।एक तरफ ऊंचे पहाड थे ,तो दूसरी तरफ येलो रिवर की बहती धारा थी ।ऊपर से सूर्य की रोशनी की किरणें अपनी अभूतपूर्व आभा बिखेर रही थी ,यह क्षण अपने आप में अभूतपूर्व और यादगार था ,जो मैं ने अपने जीवन काल में अब तक नहीं देखा था ।इस यात्रा के उपरांत हम ने चीनी परंपरागत भोजन का आनंद लिया ,जो स्थानीय पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ था ।यह एक यादगार क्षण था ,जिस ने इस शापोतो की यात्रा को अपने आप में यागदार बना दिया ,जिसे मैं कभी भुला न पाऊंगा ।
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