130516Chandhuri
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मई की 13 से 20 तारीख तक भारतीय युवा व खेल मंत्रालय की सचिव नीता चौधरी के नेतृत्व में भारतीय सौ युवा प्रतिनिधिमंडल ने चीन की मैत्रीपूर्ण यात्रा की। 20 साल पूर्व सुश्री चौधरी पहली बार चीन आई। चीन के प्रति उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा:
"इन बीस वर्षों में मैं कई बार चीन आई हूं। हर बार आने के बाद मुझे चीन में हुआ भारी परिवर्तन महसूस होता है। चीन में बुनियादी संस्थाओं का निर्माण अच्छा है और चीनी जनता का व्यवहार बहुत दोस्ताना है।"
सुश्री चौधरी ने कहा कि उन्हें चीनी परंपरागत संस्कृति पसंद है। लगता है कि चीनी और भारतीय संस्कृति मिलती जुलती है। इस बार चीन की यात्रा के दौरान पेइचिंग में उन्होंने योंग होकोंग लामा मंदिर का दौरा भी किया।
हाल के वर्षों में चीन और भारत ने अर्थव्यवस्था और शिक्षा आदि क्षेत्रों में भारी उपलब्धियां हासिल कीं। दोनों देश आवाजाही बढ़ाते हुए पारस्परिक विश्वास भी मज़बूत कर रहे हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं। वर्ष 2007 के बाद से अब तक चीन और भारत की सरकारों ने दोनों देशों के युवाओं के बीच एक दूसरे की यात्रा करने की योजना बनाई। पिछले वर्ष भी नीता चौधरी ने युवाओं के दल का नेतृत्व कर चीन की यात्रा की। हाल के वर्षों में प्रतिनिधि मंडल और पूर्व प्रतिनिधि मंडल की तुलना में उन्होंने कहा:
"इस वर्ष हमने विशेष तौर पर श्रेष्ठ युवाओं को चुना। मसलन् भारत के सबसे श्रेष्ठ प्रबंधन कॉलेज के छात्र, आईआईटी के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी और प्रशासनिक प्रबंधन कॉर्स के सुयोग्य व्यक्ति आदि शामिल हैं। पहले के युवा प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ज्यादा तौर पर सांस्कृतिक क्षेत्र के लोग थे। इस बार के मंडल में वैज्ञानिक, तकनीशियन, चित्रकार आदि शामिल हैं, मतलब है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों के युवा लोग चुने गए हैं।"
युवा लोग एक देश में प्रभावशाली समुदाय है। मौजूदा यात्रा का लक्ष्य और अर्थ की चर्चा में प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षा नीता चौधरी ने आशा जताई कि भारतीय युवा प्रतिनिधि यात्रा के जरिए चीन को ज्यादा समझ पाएंगे। उन्होंने कहा:
"मैंने भारतीय युवा प्रतिनिधि चीनी युवा संघ के स्वयं सेवकों के बीच हुई बातचीत सुनी। उन्होंने पूछा कि चीनी और भारतीय शिक्षा प्रणाली में क्या फ़र्क है। उन्होंने जवाब दिया कि चीन में अधिकांश चीनी युवा लोगों ने स्नातक होने से पूर्व अपनी जिंदगी के लिए योजना बनाई। इसे साकार करने के लिए वे रोजगार प्रशिक्षण पाएंगे। देश की रोजगार प्रशिक्षण कक्षा में वे रोज़गार के लिए सभी कॉर्स सीख सकते हैं। यह भविष्य में विद्यार्थियों के रोज़गार जीवन के लिए लाभदायक है। इसके अलावा, युवाओं के बीच आवाजाही से एक दूसरे की समझ बढ़ेगी। वे सोचेंगे कि भविष्य में क्या करेंगे। हमारे प्रतिनिधि मंडल के युवाओं ने चीनी कारखाने का दौरा कर चीन के निर्माण उद्योग की जानकारी ली, उन्होंने चीनी कृषि विश्विद्यालय का दौरा भी किया। विश्वास है कि चीन में जो देखा और सुना, उनकी जिंदगी में के लिए बहुत अहम होगा।"
(श्याओ थांग)