Web  hindi.cri.cn
प्रादेशिक अखंडता व समुद्री अधिकार की रक्षा के लिये चीन का कदम़
2013-02-20 19:17:00

चीन लगातार पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने पर कायम है, लेकिन कुछ न कुछ समस्याएं मौजूद हैं। उदाहरण के लिये त्याओयू द्वीप व ह्वांगयेन द्वीप घटना के बाद समुद्रीय मुठभेड़ों पर लोगों का ध्यान केंद्रित बना हुआ है। एक नेटीजन ने यह पूछा कि क्या उप प्रधान वर्ष 2012 में चीन की समुद्री स्थिति के बारे में जानकारी दे सकते हैं?और इस स्थिति पर हमने कौन सा कदम उठाकर अपने देश की प्रादेशिक अखंडता व समुद्रीय अधिकार की रक्षा की है?

इन सवालों के जवाब में ओयांग ने कहा कि हाल ही में चीन के आसपास के समुद्र की स्थिति बदल रही है, जिस पर विभिन्न पक्षों का ध्यान केंद्रित हुआ है। हम यह कह सकते हैं कि मुख्य तौर पर समुद्री स्थिति स्थिर है। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग बेरोकटोक हैं, विभिन्न देशों के जहाजों की आवाजाही की स्वतंत्रता व सुरक्षा में कोई समस्या नहीं है। चीन व कुछ देशों के बीच द्वीपों की अधीनता से जुड़े मामले केवल पड़ोसी देशों के बीच मामलों का एक भाग है। वह भी लंबे समय में इकट्ठा हुए ऐतिहासिक मामले हैं। वास्तविक तथ्य या ऐतिहासिक कारणों से ऐसे मामलों का समाधान कम समय में नहीं किया जा सकता। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं सभा की रिपोर्ट में यह पेश किया गया है कि चीन लगातार पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग मजबूत करेगा, पड़ोसी देशों को अच्छा साझेदार बनाएगा, और आपसी लाभदायक सहयोग को विकसित करेगा। सीमा व समुद्री मामलों का समाधान करने में भी हम इस सिद्धांत का पालन करते हैं। साथ ही विभिन्न पक्षों के साथ शांतिपूर्ण वार्ता से मुठभेड़ों का समाधान करने का चीन का रुख नहीं बदला। अपने देश की प्रादेशिक अखंडता, सुरक्षा व विकास की रक्षा करने में चीन की संकल्प मजबूत है।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040