दक्षिण समुद्र व त्याओयू द्वीप आदि समुद्रीय मामलों की चर्चा में ओयांग यूचिंग ने कहा कि क्योंकि कुछ पड़ोसी देशों ने चीन की प्रभुसत्ता व समुद्री अधिकार व हितों को हानि पहुंचायी, जिससे दक्षिण समुद्र व त्याओयू द्वीप जैसे मामले ध्यानाकर्षक बन गये, और देश-विदेश का व्यापक ध्यान उन मामलों पर केंद्रित हुआ है। जटिल स्थिति के सामने हम धैर्य के साथ इसका समाधान कर रहे हैं। जापान द्वारा भड़काने वाली त्याओयू द्वीप खरीदने की घटना और फ़िलिपींस द्वारा भड़काने वाली ह्वांगयेन द्वीप की घटना के प्रति चीन ने कुछ ज़रूरी कदम उठाकर अपने देश की प्रादेशिक अखंडता व समुद्रीय अधिकार व हित्तों की रक्षा की। साथ ही हम भी सक्रिय रूप से वार्ता द्वारा मुठभेड़ों का समाधान करने, वास्तविक सहयोग करने और स्थिति को सकारात्मक दिशा में बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे है। चीन के समुद्रीय मामले इतिहास, कानून, राष्ट्रीय भावना व अंतर्राष्ट्रीय संबंध आदि बहुत कारणों से जुड़े हुए हैं, जो बहुत जटिल हैं। इसलिये उन मामलों का समाधान जल्द नहीं किया जा सकता है। और भविष्य में पड़ोसी समुद्र की स्थिति भी अस्थिर होगी। इसके प्रति हम एक प्रमुख देश के रूप में लगातार अपना कर्तव्य निभाएंगे।