चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा व समुद्र मामले विभाग के प्रमुख ओयांग यूछींग ने 20 फरवरी को सीआरआई के नेटीजनों के साथ साक्षात्कार में दक्षिण चीन सागर के विकास पर चीन का रुख स्पष्ट किया।
ओयांग यूछींग ने कहा कि 1978 में चीन के पूर्व नेता तंग श्याओफिंग ने त्याओयू द्वीप के विवाद के समाधान के लिए अपना विचार प्रकट किया। बाद में चीनी नेताओं ने इस समस्या का समाधान की कोशिश की। चीन का यह रुख अंतर्राष्ट्रीय कानून के संबंधित नियमों से मेल खाता है। विश्व में कुछ विवादस्पद समुद्र या क्षेत्रों में प्रभुसत्ता निश्चित न होने की स्थिति में उभय विकास करने के कई उदाहरण हैं।
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की भूमिका की चर्चा में ओयांग यूछींग ने कहा दक्षिण सागर के विवाद को संबंधित दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय वार्ता के जरिए हल किया जाना चाहिए। अमेरिका बार-बार कहता रहा है कि वह इस विवाद पर किसी पक्ष का समर्थन नहीं करता। एशिया व प्रशांत क्षेत्र के दो प्रमुख बड़े देश होने के नाते, कई क्षेत्रों में चीन व अमेरिका का समान कल्याण होता है। चीन अमेरिका द्वारा एशिया प्रशांत क्षेत्र की शांति, स्थिरता व समृद्धि के लिए सक्रिय व रचनात्मक भूमिका अदा करने का स्वागत करता है। साथ ही चीन आशा करता है कि अमेरिका चीन समेत एशिया प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों के अहम हितों का पूरा सम्मान करके यथार्थ कार्रवाई करेगा। और इस क्षेत्र की शांति व स्थिरता के लिए अपना योगदान देगा।
(श्याओयांग)