Web  hindi.cri.cn
चीनी टेक्सटाइल इतिहास में जीवित फॉसिल --- ली जाति की कढ़ाई
2012-10-10 18:26:06

दक्षिण चीन स्थित हाईनान प्रांत अपनी खूबसूरत ट्रॉपिकल दृश्य के कारण विश्वविख्यात है। इसके साथ रंगबिरंगी अल्पसंख्यक जातीय संस्कृतियां हाईनान पर्यटन क्षेत्र का मनमोहक हिस्सा भी हैं। हाईनान में हान जाति के अलावा ली और म्यो समेत कई जातियां रहती हैं। उन में ली जाति और म्यो जाति दो प्रमुख अल्पसंख्यक जातियां और उन की संस्कृतियां सब से विशिष्ट मानी जाती हैं। ली जाति प्राचीन समय से हाईनान द्वीप के मध्य और दक्षिण पश्चिमी भाग के ट्रॉपिकल जंगल में बसी है और अब तक उनके पुराने रीति रिवाज यथावत बने हुए हैं। ली जाति की परंपरागत संस्कृति में कढ़ाई या टेपेस्ट्री सब से अधिक मशहूर है। ली जाति की कढ़ाई चीनी टेक्सटाइल इतिहास का जीवित जीवावशेष (फॉसिल) कहा जाता है। हाल ही में हमारे संवाददाता ने हाईनान प्रांत के सेनया शहर स्थित ली जाति के एक गांव का दौरा किया और ली जाति की कढ़ाई का पता लगाया।

ली गांव में प्रवेश करते ही हमें सुंदर गीतों की आवाजें सुनाई देने लगीं। स्थानीय लोग अपने गीत से विभिन्न जगहों से आये पर्यटकों का स्वागत कर रहे थे।

ली जाति का परंपरागत गीत बहुत अच्छा लगता है। लेकिन उनकी संस्कृति में सबसे आकर्षक चीज तो 3000 वर्ष से अधिक पुरानी कढ़ाई है। हम आपको बता दें कि ली जाति की कढ़ाई चीन में सबसे पुराना टेक्सटाइल उत्पाद है।

ली जाति के गांव में बहुत हरियाली है और पक्षी की चहचहाहट से पूरा वातावरण गूंजता रहता है। ताड़ के वृक्षों के बीच एक नौका आकार वाले मकान हैं। एक मकान के सामने हमें कढ़ाई में जुटी ली जाति की महिला फू या लान मिली। फू या लान 80 वर्ष की हैं , लेकिन उनकी कढ़ाई की क्रिया बहुत कुशल और महीन थी ,जो युवा की तरह है। फू या लान ने बचपन से ही कढ़ाई का काम शुरु कर दिया था। उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,मुझे याद नहीं है कि कौन से साल में मैंने कढ़ाई करना शुरू किया था, शायद दस वर्ष की उम्र में। उस समय कढ़ाई की तकनीक सिखाने वाले पेशेवर अध्यापक नहीं थे। गांव के बड़े लोग कढ़ाई करते थे ,तो हम पास में खड़े होकर देखते थे और कदम ब कदम नकल करते थे।

फू या लान के पास कई कढ़ाई के उत्पाद हैं। उनके रंग स्ट्राइकिंग हैं और डिजाइन विविध हैं। काढ़े गये पशु ,पक्षी ,फूल और व्यक्ति एकदम जीवित लगते हैं।

ली जाति की कढ़ाई ली जाति की महिलाओं की बुद्धि और श्रम के उत्पाद हैं। च्यांग या हाईनान ली जाति की कढ़ाई संग्रहालय की गाइड है। वह ली जाति की युवती है। ली जाति की कढ़ाई की चर्चा करते हुए उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि ली जाति की कढ़ाई कपास और कपास पौधों की रूई से बनी है। 3000 वर्ष से पहले ही हाईनान द्वीप में कपास उगायी जाती है। इससे ली जाति की कढ़ाई पैदा हुई। इसका इतिहास 3000 वर्ष से भी अधिक पुराना है।

परिचय के अनुसार ली जाति की बढ़िया कढ़ाई को उत्पाद में चार कदमों की जरूरत है ,यानी कातना ,रंगना ,बुनना और काढ़ना। सबसे पहले कातना आता है। इसका मुख्य औजार परंपरागत चरखा है। दूसरा कदम रंगना है। रंगने का पदार्थ एकदम प्राकृतिक है ,जो मुख्य तौर पर जंगल और रोपे गये पौधों से पाया जाता है। तीसरा कदम बुनना है। यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ली जाति के पास लिखित भाषा नहीं है। इसलिए बुनने से पहले एक खींचा गया डिज़ाइन चित्र नहीं है। डिजाइन का चित्र बुनने वाले के दिमाग में मौजूद रहता है। कुछ हद तक यह कहा जा सकता है कि ली जाति अपनी कढ़ाई से अपना इतिहास बनाए रखती है। अंतिम कदम तो काढ़ना है ।

समय के विकास के साथ साथ आधुनिक संस्कृति ली जाति के परंपरागत जीवन पर प्रभाव भी डाल रहा है । लि जाति के गांव में पंरपरागत पोशाक पहनने वाले कम दिखाई देते हैं। इस स्थिति में परंपरागत कढ़ाई की तकनीक में महारत हासिल करने वालों की संख्या कम हो गयी है। ली जाति की कढ़ाई विलुप्त होने के संकट का सामना कर रही है। ली जाति की परंपरागत कढ़ाई की सुरक्षा के लिए संबंधित सरकारी विभागों ने हाल ही में बहुत काम किया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में ली जाति की पोशाक राष्ट्रीय गैर भातिक सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल की गई है।

हाईनान में ली जाति की कढ़ाई का उत्पाद बनाने वाले कुछ उद्यम भी उभरे हैं। ली चिन फांग उनमें से एक हैं। परिचय के अनुसार इस कंपनी की बोर्ड अध्यक्ष क्वो खाइ पहले रासायनिक व्यापार से जुड़ी थीं। एक बार उन्होंने हाईनान की यात्रा की और ली जाति की कढ़ाई देखी। इस परंपरागत उत्पादों से उनपर गहरा प्रभाव पडा। वर्ष 2005 में उन्होंने ली चिन फांग नाम एक कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी ली जाति की कढ़ाई के अध्ययन ,संग्रहण और विकास में लगी रहती हैं। अब ली चिन फांग हाईनान में ली जाति की कढाई बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। उनके उत्पादनों की तरह तरह की किस्में हैं। अब ली जाति की कढ़ाई के उत्पाद देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय वस्तु बन गई हैं।

सरकार और निजी इकाईयों की समान कोशिशों के तहत अक्टूबर 2009 में ली जाति की परंपरागत कढ़ाई तकनीक युनेस्को द्वारा ऐसी गैर भौतिक सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल की गई हैं ,जिनको आपात संरक्षण करने की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार इस परंपरागत तकनीक की रक्षा के लिए हाईनान प्रांत ने एक कार्यसूची बनायी और वर्ष 2013 से पहले इसे लागू करने का वायदा किया। कार्यसूची में परंपरागत तकनीक सीखने वाले तैयार करना ,उत्पादन के अड्डे की स्थापना और संबंधित संरक्षण नियमावली शामिल हैं। इन कदमों से ली जाति की कढ़ाई के संरक्षण में मजबूती मिलेगी ।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040