उन्होंने कहा कि जेटगांव एक छोटा शहर है, उसके एक तरफ़ समुद्र और दूसरी तरफ़ पहाड़ है। पूरे वर्ष वहां बारिश होती रहती है और अनेक क्षेत्र जंगल हैं। यह एक सुन्दर शहर है। लेकिन पेइचिंग एक बहुत बड़ा शहर है। खाली समय में मैं अक्सर पेइचिंग शहर में टहलता हूं। मुझे यहां घूमना टहलना बहुत अच्छा लगता है।
रहमान ने कई बार चीन में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा। इसके साथ साथ वह चीनी भाषा भी सीखता रहे हैं। चीन में शिक्षा पाने के एक वर्ष के दौरान उन्हें लगता है चीन की सभ्यता गहरी और विविधतापूर्ण है।
उन्होंने कहा कि किताबों से मुझे चीन की संस्कृति, प्राचीन इतिहास और चीनी दर्शन की जानकारी मिली। मुझे मालूम है कि 20 या 30 वर्ष पहले चीन एक गरीब देश था। लेकिन वर्तमान में चीन मजबूत राष्ट्र है। मुझे लगता है कि भविष्य के 10 से 20 वर्षों तक चीन एक अपेक्षाकृत विकसित देश बनेगा।
चीनी संचार विश्वविद्यालय में एक वर्ष भाषा और संस्कृति की शिक्षा के बाद रहमान स्वदेश लौटेंगे। उन्होंने यह आशा प्रकट की है कि स्वदेश लौटने के बाद वह न केवल अंतर्राष्ट्रीय प्रसार के बारे में प्राप्त ज्ञान, अपने काम में शामिल करेंगे, बल्कि बांग्लादेश के अनेक छात्रों को चीन आने और अपने कई सहयोगियों को बांग्लादेश आने में मदद करेंगे। वो चीनी सभ्यता के प्रचार प्रसार, बांग्लादेश और चीन की जनता के बीच मित्रता का प्रचार-प्रसार करने वाले एक दूत बनना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अनेक चीनी लोग बांग्लादेश में कारखानों की स्थापना करते हैं और व्यापार करते हैं। बांग्लादेश के कई हजार छात्र चीन में शिक्षा पा रहे हैं और अनेक सरकारी अधिकारी चीन की यात्रा करते हैं। इसलिए वास्तव में बांग्लादेश और चीन के बीच संबंध घनिष्ठ है। मुझे आशा है कि भविष्य में मैं सरकारी या गैरसरकारी स्तर पर आदान-प्रदान के तौर पर कई बार चीन की यात्रा करूंगा। मुझे आशा है कि मैं फिर एक बार चीन आऊंगा, और अधिक चीनी लोग बांग्लादेश की यात्रा करेंगे, वहां काम करेंगे या शिक्षा पाएंगे।
(वनिता)