चीन की राजधानी पेइचिंग में प्रसिद्घ व्यावसायिक सड़क याबाओ सड़क पर एक अफगानी व्यापारी रहता है। उसका नाटा कद, चमकदार आखें, मुस्काराता चेहरा, और व्यवहार से काफी शांत व मृदु प्रतीत होता है। 20 वर्ष पूर्व वह युद्ध की वजह से लगभग निस्हाय और बेघर हो गया था, किन्तु आज उसका कारोबार मध्य एशिया और पूर्वी युरोप के कई देशों तक फैला हुआ है। उसकी वार्षिक आय दस लाख युआन से अधिक है। वह है अफगानिस्तान से आए व्यापारी मीर मोहम्मद ताराकाई है ।
सन् 2013 की शुरूआत की सर्दी में एक दिन दोपहर को सीआरआई का एक संवाददाता मीर मोहम्मद ताराकाई द्वारा तय अनुसार याबाओ बाजार में साक्षात्कार करने के लिए गया। याबाओ सड़क पेइचिंग की प्रसिद्घ व्यावसायिक सड़क है, जो कि पेइचिंग के समृद्ध व्यापार चक्र और दूतावास क्षेत्रों से घिरा हुआ है। सड़क की लम्बाई मात्र 300 मीटर है। उस पर मोटर वाहन की आवाजाही, भिन्न भिन्न रंगों के विदेशी व्यापारियों की बढ़ती भीड़, सड़क के दोनों तरफ रूसी भाषा में चिन्हित दर्जन भर वाणिज्यिक भवनों में भीड़ देखी जा सकती है। पेइचिंग में आए सभी विदेशी लोग जानते है कि यह चीन का सबसे बड़ा कपड़ा निर्यात वितरण केन्द्रो में से एक है, और साथ ही चीन का सबसे बड़ा रूसी निर्यात बाजार भी है। पहले रूस, पूर्वी युरोप के व्यापारी यहाँ छोटी वस्तुऐं खरीदने के लिए आते थे। अर्थव्यवस्था के विकास होने से अब न केवल रूसी व पूर्वी युरोप के व्यापारी आते है, बल्कि मध्य एशिया के व्यापारी भी हर जगह देखें जाते है। मीर मोहम्मद ताराकाई उनमें से एक है, किन्तु ज्यादातर व्यापारी एक जैसे नहीं है। मोहम्मद ताराकाई बताते है:
"वास्तव में मैं पहले कोई व्यापारी नहीं था, मैं तो काबुल विश्व विधालय में अध्यापक था। मैं सन् 1992 में पहली बार चीन आया था। उस समय युद्ध की वजह से शांत वातावरण नहीं था, और चीन के अलावा कोई देश अफगानी लोगों को वीज़ा नहीं दे रहा था, इसलिए मैं चीन आया। उस समय चीनी सरकार और चीनी दोस्तों ने मेरी बहुत मदद की, जिसका मै बहुत शुक्रगुजार हुँ, और यही कारण था कि मैं यहाँ आया और व्यापार करना शुरू किया।"