दस साल पहले तक तमाम चीनी लोगों के लिए अपनी कार या निजी वाहन खरीदना एक सपना होता था, उस दौर में कार न केवल परिवहन का साधन होती थी,बल्कि हैसियत की भी प्रतीक। पिछले दस सालों में चीन में तेज आर्थिक विकास के साथ-साथ लोगों की आय में भारी इजाफा हुआ है। अब तो निजी वाहन खरीदना एक सामान्य बात हो गयी है। वाहनों की संख्या बढ़ने से लोगों का जीवन तो सुखमय हुआ है, लेकिन ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण जैसी समस्या भी सामने आयी है। आजकल पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जानकारी बढ़ रही है, और बड़ी तादाद में लोग सार्वजनिक परिवहन साधनों का इस्तेमाल करते हैं।
इस साल फरवरी तक पेइचिंग में वाहनों की संख्या 50 लाख से अधिक पहुंच गई है, जबकि 2002 में सिर्फ 18.99 लाख थी। पिछले दस सालों में पेइचिंग में वाहनों की संख्या में 30 लाख का इजाफा हुआ, जिनमें 70 प्रतिशत से ज्यादा निजी वाहन हैं। वाहनों की तेज़ी से बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए पेइचिंग म्युनिसिपल सरकार ने इधर के सालों में कुछ कदम उठाये हैं, जिनमें वाहनों को लाइसेंस प्लेट नंबर के अनुसार बाहर जाने की अनुमति देना और महीनों में नियमित लाइसेंस प्लेट नंबर देना आदि शामिल है। इसके साथ साथ चीन में सार्वजनिक यातायात के निर्माण पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। पेइचिंग में सड़कों को चौड़ा बनाकर, बसों के लिए विशेष स्थान दिया गया है।
पेइचिंग में सार्वजनिक यातायात सिस्टम के तेज़ विकास के बारे में श्री श्वू को गहरा अनुभव है। श्वू खांगमींग पूर्वी पेइचिंग के थुंग जो में रहते हैं। रोज सुबह लगभग सात बजे वे घर से निकलते हैं और बस पर सवार होकर 15 किमी. दूर जाकर काम करते हैं। उनके अनुसार, चूंकि मैं रोज जल्दी निकलता हूं, इसलिए बस में ज्यादा लोग नहीं होते। मेरे घर से दफ्तर जाने में लगभग 40 मिनट लगते हैं। कभी-कभी बस पर सीट भी मिल जाती है।