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ऊंट नामक सोते के पास रहने वाली साला जाति के लोगों का सुखमय जीवन
2012-01-11 09:24:45

पूर्वी छिंग हाई प्रांत के शुन ह्वा साला जाति का स्वायत्त कस्बा चीन का एकमात्र साला जाति का स्वायात्त कस्बा है। शुन ह्वा कस्बे में एक साफ सोता है, जिसका नाम है ऊंट सोता। प्राचीन समय में साला जाति के लोग मध्य एशिया से शुन ह्वा कस्बे तक स्थानांतरित करने के दौरान एक सफेद ऊंट ने यह सोता ढूंढा था। सूखा पश्चिमी क्षेत्र में रहने वाली साला जाति को पीढी दर पीढी इस जादू ऊंट नामक सोते से लाभ मिलता है। यह सोता साला जाति के लोगों की अपनी मेहनत व बुद्धिमता से जातीय संस्कृति व इतिहास को आगे बढाने का एक संकेत भी है।

ऊंट सोते के पास एक भूमि है। पहले यहां कोई नहीं रहता था और अब मेहनत व कोशिश के जरिए यहां शुन ह्वा कस्बे की मिर्च की मशहूर खेती होती है, पशुओं और भेड़ों का पालन क्षेत्र व श्रमिक शक्ति की भी यह जगह बन गई है। यहां शुन ह्वा कस्बे के नई किस्म वाले निर्माण क्षेत्र के निर्माण का मिसाल गांव—जी शी कस्बे का शिन चिए गांव है।

शिन चिए गांव में अब औसत वार्षिक आय लगभग 5 हजार 8 सौ य्वान है, जो शुन ह्वा कस्बे के किसानों की औसत आय 2 हजार 3 सौ य्वान से अधिक है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शिन चिए गांव कमेटी के अध्यक्ष मा खुए वू साला जाति के हैं ।

उन्होंने कहा कि शिन चिए गांव का बदलाव इस गांव के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 22 सदस्यों के केंद्रीय नेतृत्व शक्ति से संबंधित है। उन के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इन 22 सदस्यों के काम अलग-अलग हैं। वे कभी भी कहीं भी आम लोगों की कठिनाईयों का समाधन करने में नहीं हिचकते , साथ ही आम लोगों का नेतृत्व करते हुए विशेषतावाले उद्योग का विकास करते हैं, जिससे लोगों को अमीर बनने का रास्ता मिला है।

पिछली शताब्दी के 7वें दशक में शिन चिए गांव के आसपास के नागरिकों ने धीरे-धीरे यहां रहना शुरू किया। शिन चिए गांव की स्थापना की शुरूआत में कृषि का आधार व उत्पादन की स्थिति कमजोर है। यह एक मशहूर गरीब गांव था। चीन द्वारा सुधार व खुलेपन की नीति लागू करने के बाद शिन चिए गांव में रहने वाले लोगों ने सरकार की अच्छी नीति के अनुसार विकास के मौके से लाभ उठा कर कृषि ढांचे के समायोजन व नागरिकों की आय बढाने के लक्ष्य में विशेषता वाली खेती व पालन उद्योग को प्राथमिकता दी, जो सफल हुई।

शिन चिए गांव के विशेषता वाले उद्योग की चर्चा करते हुए यहां की रेखा जैसी पतली एक प्रकार की मिर्च महत्पूर्ण है। 68 वर्षीय हान द वन ने वर्ष 1965 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में भाग लिया। शिन चिए गांव में उन्होंने सबसे पहले इस प्रकार की मिर्च बाजार में बेची। अब हान द वन चार हैक्टर बड़ी खेती में मिर्च उगाते हैं।

उन्होंने कहा कि चार हैक्टर खेती से हर साल कम से कम 10 हजार य्वान मिल जाते हैं। हमारे घर में भेड़ों व पशुओं का पालन किया जाता है। इसलिए आय कम नहीं है।

हान द वन ने कहा कि अब शिन चिए गांव में हर परिवार मिर्च उगाता है। वर्तमान में यह गांव शुन ह्वा कस्बे में मिर्च उगाने का सबसे बड़ा आधार बन गया है, जिसका क्षेत्रफल 3 सौ हैक्टर है। मिर्च उगाने से शिन चिए गांव के लोगों को ज्यादा आय मिल रही है। हान द वन इस गांव में अमीर बनने वाले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों में से एक है, जो आम लोगों के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हैं।

साला जाति चीन में 22 ऐसी जातियों में से एक है जिसकी जनसंख्या एक लाख से भी कम है। इस जाति का इतिहास 8 सौ साल पुराना है। लम्बे समय से साला जाति खाना खाने की रंगबिरंगी संस्कृति का सृजन कर रही है। इससे साला जाति के रेस्तरां अर्थतंत्र का विकास हो रहा है। हान चिए वन शिन चिए गांव में ऐसा आदमी है, जिस का सबसे पहले अन्य प्रांत में रेस्तरां खुला है। शिन चिए गांव में हान चिए वन एक सुदर आंगन में रहता है, जहां पर फल के पेड़ों पर चिड़ियां खुशी से गीत गाती हैं और चारों तरफ फूल खेल रहते हैं। हान चिए वन ने कहा कि वर्ष 1997 के अंत में अपने जीवन को सुधारने के लिए वह पेइचिंग गया और दूसरे साल उसने पेइचिंग में पश्चिमी चीन की शैली का एक रेस्तरां खोला है।

उन्होंने कहा कि चीनी चंद्र कैलेंडर के अनुसार नया साल शुरू होने के दिन मैंने अपना पहला रेस्तरां खोला। इसे खोलने के लगभग दो साल के समय में मैंने कुछ पैसे कमाए। घर वापस जाने के बाद मैंने अब यह आंगन बनाया है। इस तरह हमारे गांव में अन्य लोग पेइचिंग पहुंचे। वहां जाने के बाद मुझे पूछा कि रेस्तरां कैसे खोला जाए... मैंने उन लोगों को प्रशिक्षण दिया और उन के साथ रेस्टतरां खोलने की जगह ढूंढी।

हान चिए वन की मदद से इस गांव के 240 लोगों ने अन्य शहरों व प्रांतों में रेस्तरां उद्योग में भाग लिया, इन के रेस्तरां अब पेइचिंग, शन चन, हांग चो आदि 26 प्रांतों के 55 बड़े व मध्य शहरों में स्थित हैं। अब शिन चिए गांव के 50 परिवार के 185 लोग चेंग चो व पेइचिंग में 15 साल से रेस्तरां चला रहे हैं ।हर साल हर परिवार की आय 2 लाख से 3 लाख य्वान तक हो जाती है। इस तरीके से शिन चेन गांव के लोग अमीर हो रहे हैं। वर्ष 2005 तक शिन चिए गांव के किसानों ने पेइचिंग में 30 से अधिक रेस्तरां खोले हैं। अब लोगों को क्वांग चो, चंग चो, शन चन व यांग चो आदि 55 बड़े व मध्य शहरों में शुन ह्वा कस्बे की साला जाति का खाना मिल सकता है।

शिन चेन गांव में लाल लाल वाली मिर्च के खेती में साला जाति की एक महिला काम करती है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शिन चिए गांव कमेटी के अध्यक्ष मा खुए वू ने कहा कि इस महिला का नाम है चांग फा थू है, वह साला जाति की एक महिला है और वह अच्छी तरह व मेहनत से काम करती है। वह साला जाति की अन्य महिलाओं को मिर्च उगाने का तरीका सिखाती है , जिससे इस गांव के सब लोग एक साल में अमीर हो सकते हैं।

चांग फा थू ने कहा कि कुछ परिवारों में लोग बाहर काम करते हैं, उन के घर में काम करने के लिए मर्द नहीं है और उन के घर की महिलाओं को मिर्च उगाने का तरीका मालूम नहीं है। उन्होंने मेरे घर में मुझ से इस बारे में पूछा।

चांग फा थू गर्मियों में मिर्च उगाती है और सर्दियों में भेड़ों का पालन करती है। वह इस गांव में अमीर बनने की आदर्श मिसाल है।

भेड़ पालन से इस गांव के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। अब कुछ परिवारों ने गाड़ियां भी खरीदी हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में शिन चेन गांव में रहने वाले लोग अमीर बनने के रास्ते पर आगे बढ रहे हैं और शिन चेन गांव का स्वस्थ विकास भी तेजी से हो रहा है।

इस गांव में रहने वाली मा शुओ मेई ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य सभा के आयोजन के समय गांव में रहने वाले लोगों की राय व सुझाव पर विचार-विमर्श करने के बाद खेत में उपयोग की जाने वाली रासायनिक खाद गांव में पहुंचाते है और हर परिवार में इस का वितरण करते हैं। वे लोग तकनीक का प्रशिक्षण भी देते हैं और हर संभव तरीके से लोगों को मदद देते हैं। हम उन के आभारी हैं।

छिंग हाई एक सुन्दर प्रांत है, जहां ऊंट सोते के पास रहने वाली साला जाति चीन की 56 जनजातियों में से एक है। अब शुन ह्वा कस्बे में रहने वाली साला जाति के लोग आगे बढ रहे हैं और खुशी से अपने घर का निर्माण कर रहे हैं। आशा है शिन चेन गांव का भविष्य और सुन्दर होगा।

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