यूक्रेन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच 18 फरवरी को नये दौर की हिंसक मुठभेड़ हुई ,इस मुठभेड़ में कई सौ लोगों की हताहती हुई। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
18 जनवरी की सुबह कई हजार प्रदर्शनकारियों ने 2004 संविधान की बहाली की मांग को लेकर जुलूस निकाला और संसद भवन के पास पुलिस के साथ उनका टकराव हुआ। ये टकराव देर रात तक चला। यूक्रेन के गृह विभाग के समाचार के अनुसार आधी रात तक 18 लोग मारे गये और 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए। इसके अलावा लगभग 300 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
संयुक्तराष्ट्र महासचिव बान की मून ने विभिन्न पक्षों से संयम रखकर यथाशीघ्र ही वार्ता बहाल करने की अपील की है।
यूरोपीय संघ ,नाटो , अमेरिका और ब्रिटेन ने क्रमश:बयान जारी कर यूक्रेन की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन में जो मुठभेड हुई ,वह कुछ पश्चिमी राजनीतिज्ञों और संस्थाओं की प्रेरणा का परिणाम है।
यूक्रेन के कार्यवाहक विदेशमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यूक्रेन में चरमपंथी शक्ति की निंदा करनी चाहिये।