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अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक मुद्दों से जुड़ा गैरसरकारी मंच 16 दिसंबर को पेइचिंग में आयोजित हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले 60 सालों से चीन बिना शर्त विदेशों को मदद दे रहा है। चीन के अधिक से अधिक गैरसरकारी संगठनों ने भी वैदेशिक सहायता कार्य में हिस्सा लिया है।
नए चीन की स्थापना के बाद पिछले 60 से अधिक सालों में चीन की विदेशों को सहायता देने की नीति में बदलाव आया है, जो सरल आर्थिक सहायता से सलाह मशविरे और आपसी लाभ वाले विकास की दिशा में बढ़ रहा है। मदद देने का तरीका सरकार के नेतृत्व से सरकार और उपक्रम एक साथ मदद देने में बदल चुका है। अफ्रीका चीन की वैदेशिक सहायता कार्य में अहम क्षेत्र है। अफ्रीकी मामलों के लिए चीनी विदेश मंत्रालय के पूर्व विशेष दूत ल्यू क्वी चिन ने कहाः
-----आवाज 1-----
"चीन में विदेशों को सहायता देने का इतिहास 60 साल पुराना है। पश्चिमी देशों की तुलना में चीन की मदद का पैमाना इतना बड़ा नहीं है, क्योंकि चीन अब भी एक विकासशील देश है। चीन ने अफ्रीका की वास्तविक मांग के अनुसार सहायता दी। हालांकि पैमाना बड़ा नहीं है, लेकिन इसकी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। चीन की मदद फ्रीका के विकास में अहम भूमिका निभाती है। चीन की सहायता बिना शर्त है। दुनिया में व्यापक देश, विशेषकर पश्चिमी देश वैदेशिक सहायता को राजनितिक विचार और राजनयिक नीति का प्रचार करने का उपकरण मानते हैं। इसके साथ-साथ पश्चिमी देश सहायता देने में तरह तरह शर्तें जाड़ देते हैं, लेकिन चीन ऐसा नहीं करता। चीन अफ्रीका को मदद देता है। यह विकासशील देशों के बीच दक्षिण-दक्षिण सहयोग है। अब सहायता का सारतत्व सलाह मशविरे और आपसी लाभ वाले विकास के आधार पर विकासशील देशों के बीच सहयोग है।"
वैदेशिक सहायता से जुडे अध्ययन करने वाले प्रोफेसर ल्यू होंग वू ने अफ्रीका की सहायता के उदाहरण देते हुए चीन द्वारा हासिल कामयाबियों से अवगत कराया। उन्होंने कहाः
-----आवाज 2-----
"चीन ने 90 के दशक में वैदेशिक सहायता में सुधार किया और सरल आर्थिक सहायता को अफ्रीकी आर्थिक वृद्धि बढ़ाने से जोड़ा, जिससे चीन और अफ्रीका के सामाजिक विकास को बढ़ावा मिला। पिछले दसेक सालों में अफ्रीका के लिए चीन की व्यापारिक पूंजी धीरे धीरे अफ्रीकी आर्थिक विकास की शक्ति बन गई है। इसलिए अफ्रीका का विकास बढ़ाना चीन द्वारा उठाई गई सबसे अहम अन्तरराष्ट्रीय सामाजिक जिम्मेदारी है।"
चीनी राज्य परिषद के न्यूज कार्यालय द्वारा जारी वैदेशिक सहायता संबंधी श्वेत पत्र के मुताबिक 2009 के अंत तक चीन ने कुल मिलाकर विदेशों को 2 खरब 56 अरब 29 करोड़ युआन की सहायता दी और विकासशील देशों के नागरिकों के जीवन से संबंधित 2000 परियोजनाओं का निर्माण पूरा किया।
सहायता के तरीके की चर्चा में विशेषज्ञों ने कहा कि कई वर्षों में चीन सरकार सहायता देने की प्रमुख शक्ति है, जिससे सहायता लेने वाले देशों के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण, लोगों के प्रक्षेपण और देश की क्षमता बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाई गई। गैरसरकारी शक्ति शामिल न होने की वजह से हर स्थानीय लोग सहायता की उपलब्धियों का लाभ नहीं उठा सकते। कुछ स्थिति में उन्हें चीन की मदद और चीन के लक्ष्य को लेकर गलतफहमी पैदा हुई।
विशेषज्ञों ने कहा कि अब चीन दुनिया में दूसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन चुका है। इसलिए मदद के तरीके में भी सुधार किया जाना चाहिए। चीन के गरीबी उन्मूलन फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष ह ताओ फंग ने कहाः
-----आवाज 3-----
"वैदेशिक सहायता कार्य में गैरसरकारी संगठनों की हिस्सेदारी से स्थानीय लोग चीन की सदिच्छा महसूस कर सकते हैं। सरकार नेतृत्वकारी भूमिका निभाती है, जबकि गैरसरकारी संगठन ठोस काम करते हैं।"