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चीन भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध के विकास को आगे बढ़ाने की समान कोशिश को तैयार
2013-10-24 09:46:48

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 23 अक्टूबर को सुबह पेइचिंग स्थित जन बृहद भवन में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता की। दोनों पक्षों ने नए काल में तेज़ गति से चीन-भारत संबंध के सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाने पर आम सहमतियां हासिल कीं।

ली खछ्यांग ने कहा कि एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी देश और सहयोगी साझेदार के रुप में चीन और भारत का विकास एक दूसरे का सुअवसर भी है। दोनों देशों के सहयोग और समान विकास से न सिर्फ़ विश्व की 2 अरब 50 करोड़ लोग बेहतर जीवन बिता सकते हैं, बल्कि एशिया और सारी दुनिया पर गहरा प्रभाव डालेगा। चीन भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंध के विकास को और आगे बढ़ाने की समान कोशिश करने के लिए तैयार है। जिसमें रणनीतिक सुरक्षा सहयोग को गहराने, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की निहित शक्ति की खोज करने, बंग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण को आगे बढ़ाने,मानविकी आदान प्रदान का लगातार विकास करने और वर्ष 2014 चीन-भारत मैत्रीपूर्ण आदान प्रदान वर्ष का लाभ उठाकर द्विपक्षीय परम्परागत मैत्री का विस्तार करने आदि विष्य शामिल है।

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि चीन के साथ मित्रता भारतीय विदेशी नीति की प्रथमिकता है। भारत को आशा है कि राजनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करने, समान हितों का विस्तार करने और पारस्रपिक समझ को बढ़ाते हुए इन तीनों क्षेत्रों में चीन-भारत संबंध को गहराया जाएगा। दोनों देशों के बीच व्यवहारिक सहयोग के स्तर को उन्नत करते हुए क्षेत्रीय और विश्व शांति और समृद्धि की रक्षा की जाएगी।

वार्ता के बाद चीनी और भारतीय प्रधानमंत्री द्विपक्षीय यातायात, ऊर्जा, प्रतिरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और स्थानीय आवाजाही जैसे 9 क्षेत्रों में सहयोगी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने वाली रस्म में उपस्थित हुए। उन्होंने संयुक्त रुप से दोनों देशों के उद्यमी प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

23 अक्तूबर को चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं के साथ भेंट की। ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत का समान हित मतभेद से कहीं बड़ा है। मनमोहन सिंह की इस बार की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया, भविष्य में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी संबंध के विकास के लिए योजना बनाई। उन्हें विश्वास है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा।

ली खछ्यांग ने पूर्वी भारत में आए तूफान के लिए अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कुछ समय पहले बंगाल की खाड़ी में 17 चीनी नाविकों की जान बचाने के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया, जिससे चीन-भारत मैत्री के महत्व का पता चलता है। उन्हें आशा है कि न्यूज़ जगत के मित्र दोनों देशों के बीच मैत्री, सहयोग और विकास को आगे बढ़ाने की आवाज का प्रचार-प्रसार करेंगे।

मनमोहन सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रभावकारी है और व्यापक सहमतियां प्राप्त की गई हैं। भारत और चीन के बीच सहयोग और विकास एशिया, यहां तक की विश्व की समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बेहतर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों की रणनीतिक इच्छा भी है। भारत चीन के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता और तेज विकास को आगे बढ़ाना चाहता है।

उसी दिन आयोजित चीनी विदेश मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता ह्वा छुनयिंग ने कहा कि इस बार चीन और भारत के बीच सीमा सहयोग के समझौत सम्पन्न किये जाने से कानूनी के तरीके से कुछ अच्छी कार्यवाही और अनुभव की पुष्टी की जाती है। यह दोनों देशों के बीच मैत्री और विश्वास को आगे बढ़ाने, सीमांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करने के लिए महत्पूर्ण है, जिससे आपसी मित्रवत सहयोग को आगे बढ़ाने का दृढ़ संकल्प और इच्छा एक बार फिर दिखाई गई है।

(श्याओ थांग, वनिता)

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