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चीनी प्रधानमंत्री की मनमोहन सिंह से मुलाकात
2013-10-24 08:31:48

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 23 अक्टूबर को सुबह पेइचिंग स्थित जन बृहद भवन में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता की। दोनों पक्षों ने नए काल में तेज़ गति से चीन-भारत संबंध के सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाने पर आम सहमतियां हासिल कीं।

ली खछ्यांग ने कहा कि एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी देश और सहयोगी साझेदार के रुप में चीन और भारत का विकास एक दूसरे का सुअवसर भी है। दोनों देशों के सहयोग और समान विकास से न सिर्फ़ विश्व की 2 अरब 50 करोड़ लोग बेहतर जीवन बिता सकते हैं, बल्कि एशिया और सारी दुनिया पर गहरा प्रभाव डालेगा। चीन भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंध के विकास को और आगे बढ़ाने की समान कोशिश करने के लिए तैयार है।

पहला, रणनीतिक सुरक्षा सहयोग गहराया जाए। द्विपक्षीय उच्च स्तरीय आवाजाही और संपर्क को बनाए रखते हुए चीन-भारत संबंध की विकसित दिशा को हासिल किया जाए।

दूसरा, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की निहित शक्ति की खोज की जाए। विभिन्न क्षेत्रों में व्यवहारिक सहयोग का विस्तार करते हुए व्यापार, पूंजी निवेश के विकास को बढ़ाया जाए, ताकि संतुलित विकास साकार हो सके। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय व्यापार संबंधी वार्ता को बढ़ाते हुए औद्योगिक उद्यान के निर्माण और रेल समेत बुनियादी संस्थापन क्षेत्र में सहयोग को मज़बूत किया जाए। चीन और भारत दोनों बड़े बाज़ारों को जोड़कर बंग्लादेश, चीन, भारत और म्यांमार आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण को आगे बढ़ाया जाए।

तीसरा, मानविकी आदान प्रदान का लगातार विकास किया जाए। वर्ष 2014 चीन-भारत मैत्रीपूर्ण आदान प्रदान वर्ष का लाभ उठाकर द्विपक्षीय परम्परागत मैत्री का विस्तार किया जाए। मित्रवत सहयोग के सामाजिक आधार को विस्तार करते हुए स्थानीय सहयोग और मीडिया सहयोग को मज़बूत किया जाए।

चौथा, मतभेदों का अच्छी तरह से प्रबंधन और नियंत्रण किया जाए। चीन-भारत सीमा सवाल विशेष प्रतिनिधि वार्ता के रुझान को बरकरार रखते हुए वार्ता और सलाह मशविरे के माध्यम से दोनों पक्षों के स्वीकृत उपायों की खोज की जाए। सीमांत क्षेत्र की शांति और अमनचैन का संयुक्त रुप से रक्षा की जाए। चीन भारत के साथ सीमा पार नदी संबंधित सहयोग को मज़बूत करने के लिए तैयार है।

पांचवां, बहुक्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत किया जाए। जी-20 और ब्रिक्स जैसी व्यवस्थाओं में दोहा रांउड वार्ता को आगे बढ़ाते हुए जलवायु परिवर्तन, आतंक विरोधी, खाद्यान्न और ऊर्जा सुरक्षा जैसे वैश्विक सवालों का सक्रिय रुप से मुकाबला किया जाए। दोनों देशों और दूसरे विकासशील देशों के समान हितों की रक्षा की जाए।

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि चीन के साथ मित्रता भारतीय विदेशी नीति की प्रथमिकता है। वर्ष 1954 के बाद से लेकर अब तक दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने पहली बार एक ही साल में एक दूसरे देशों की यात्रा की। जाहिर है कि चीन-भारत संबंध का बेहतरीन रुझान होता है और भविष्य भी बहुत उज्ज्वल है। भारत को आशा है कि राजनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करने, समान हितों का विस्तार करने और पारस्रपिक समझ को बढ़ाते हुए इन तीनों क्षेत्रों में चीन-भारत संबंध को गहराया जाएगा। दोनों देशों के बीच व्यवहारिक सहयोग के स्तर को उन्नत करते हुए क्षेत्रीय और विश्व शांति और समृद्धि की रक्षा की जाएगी।

वार्ता के बाद चीनी और भारतीय प्रधानमंत्री द्विपक्षीय यातायात, ऊर्जा, प्रतिरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और स्थानीय आवाजाही जैसे 9 क्षेत्रों में सहयोगी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने वाली रस्म में उपस्थित हुए। उन्होंने संयुक्त रुप से दोनों देशों के उद्यमी प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

(श्याओ थांग)

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