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ली खछ्यांग की दक्षिण पूर्वी एशिया-यात्रा से जाहिर चीन की सदिच्छा
2013-10-16 16:34:14


चीन के प्रधान मंत्री ली खछ्यांग अपनी दक्षिण पूर्वी एशिया-यात्रा समाप्त कर मंगलवार शाम को वियतनाम से स्वदेश लौटे। इस 7 दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में भाग लिया और क्रमशः ब्रुनेई, थाईलैंड और वियतनाम की सफल यात्रा की।

ली खछ्यांग की इस पूरी दक्षिण पूर्वी एशिया-यात्रा के दौरान दक्षिण चीन सागर के साझे विकास के मुद्दे पर विचार-विमर्श प्राथमिक स्थान पर रहा। ब्रुनेई में ली खछ्यांग के प्रवास के दौरान चीन और ब्रुनेई दोनों देशों की सरकारों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर समुद्री सहयोग और साझे विकास को बढावा देने पर एकमतता प्राप्त की। चीन के समुद्री तेल महाब्यूरो और ब्रुनेई की राष्ट्रीय तेल कंपनी के बीच तेल-कुएं संबंधी सेवा के लिए संयुक्त पूंजी वाली एक कंपनी बनाने का समझौता संपन्न हुआ। इस समझौते का ब्यौरा नहीं दिया गया है, तो भी उसकी तरफ़ व्यापक ध्यान चला गया है।

चीनी दक्षिण सागर अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रमुख ऊ शी त्सुन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चीन और ब्रुनेई के बीच दक्षिण चीन सागर के साझे विकास पर वार्ता में जो प्रगति हुई है, वह विवादों को अगल रखकर साझा विकास करने के चीन सरकार के सिद्धांत के अनुसरण में नेतृत्वकारी भूमिका अदा करेगी। उनका कहना हैः

`विवादों को अलग रखकर साझा विकास करने का सिद्धांत पिछली सदी के 80 वाले दशक में ही चीन सरकार ने प्रस्तुत किया था, लेकिन उसके क्रियान्वयन में कोई भी तात्विक तरक्की नहीं हो पाई है। इस बार संपन्न समझौते के अनुसार चीन और ब्रुनेई दोनों देशों की तेल कपंनियां साथ मिलकर दक्षिण चीन सागर में तेल एवं प्राकृतिक गैस का दोहन करेंगी। यह वाकई बेहद महत्वपूर्ण पहला कदम माना जा सकता है। इससे अतर्राष्ट्रीय समुदाय को संदेश मिला है कि दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चीन और संबंधित देशों के बीच विवाद साझे विकास जैसे सहयोग करने के तरीके से सुलझाया जा सकता है। और यह भी जाहिर है कि इस मुद्दे पर चीन और इन देशों के बीच राजनीतिक विश्वास स्थापित हो चुका है। सब लोग सहमति तक पहुंचे हैं कि इन विवादों को, जो अल्पकाल में सुलझाये जाने असंभव हैं, अलग रखा जाएगा और सब से पहले पूरे ध्यान को तेल एवं प्राकृतिक गैस जैसे संसाधनों के साझे दोहन पर केंद्रित किया जाएगा।`

वियतनाम ली खछ्यांग की इस यात्रा का अंतिम पड़ाव है। दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर ली खछ्यांग ने वियतनाम के नेतागण के साथ गहन एवं व्यापक विचार-विमर्श किया। ज्ञात हो कि दक्षिण चीन सागर का मुद्दा चीन-वियतनाम संबंधों में एक बड़ी बाधा है। ली खछ्यांग की नियतनाम-यात्रा के दौरान चीन और वियतनाम की सरकारों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दक्षिण चीन सागर के साझे विकास पर सलाह-मशविरे के लिए एक कार्य-दल कायम किया जाएगा। इसे मीडिया ने चीन-वियतनाम सहयोग का एक सकारात्मक संदेश करार दिया।

चीनी दक्षिण सागर अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रमुख ऊ शी त्सुन ने कहाः

`दक्षिण चीन सगार के मुद्दे के समाधान के लिए चीन-वियतनाम संयुक्त कार्यदल की स्थापना से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दिखाया गया है कि यह मुद्दा चीन और संबंधित देशों के बीच का मसला है। इस क्षेत्र के बाहर देशों और इस मुद्दे से संबंध नहीं रखने वाले देशों को इस में हाथ डालने की जरूरत नहीं है। चीन हमेशा से द्विपक्षीय माध्यम से दक्षिण चीन सागर की प्रभुसत्ता एवं उसपर प्रशासन के अधिकार से जुड़े विवादों को हल करने का रूख अख्तियार करता रहा है। अगर चीन-वियतनाम संयुक्त कार्यदल कायम होने में सफल रहा और दक्षिण चीन सगार के मुद्दे का दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान ढूंढ निकाला गया, तो इस मुद्दे पर चीन और अन्य संबंधित देशों के बीच विवादों के समाधान के लिए अच्छी स्थितियां तैयार की जाएंगी और सकारात्मक अनुभव अर्जित किए जाएंगे।`

वियतनाम में ली खछ्यांग ने चीन और वियतनाम का वित्तीय सहयोग का एक कार्यदल बनाने का प्रस्ताव पेश किया, ताकि दोनों देशों एवं दक्षिण पूर्वी एशिया में अर्थतंत्र एवं वित्त का आगे भी स्थिर विकास हो सके। विश्वविख्यात छिंगह्वा विश्वविद्यालय के आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान के उपप्रधान ल्यू च्यांग योंग ने कहाः

`चीनी मुद्रा—रनमिंगपी का मूल्य और इस का भविष्य वियतनाम को आकर्षित कर रहा है। वित्तीय क्षेत्र में सहयोग वैश्विक वित्तीय संकट और क्षेत्रीय अस्थिरता के दोनों देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को टालने के हित में है। वित्तीय सहयोग चीन और वियतनाम के बीच बहुस्तरीय और बहुपक्षीय सहयोग को बड़ा बढावा देगा।`

थाईलैंड की यात्रा के दौरान ली खछ्यांग ने थाई प्रधान मंत्री शिनावाट्रा को चीनी हाई स्पीड रेल तकनीकों से अवगत कराया। चीन और थाईलैंड की साझी दीर्धकालिक परीयोजना में साफ़ तौर पर लिखा गया है कि चीन थाईलैंड के हाई स्पीड रेलवे के निर्माण-कार्य में हिस्सा लेगा। निस्संदेह आपसी संपर्क खासकर हाई स्पीड रेल के क्षेत्र में सहयोग चीन-थाई सहयोग को प्रगाढ़ बनाने का एक नया केद्र बनेगा। थाईलैंड में चीनी राजदूत चांग च्यु हंग ने कहा कि यदि चीन और थाईलैंड के बीच हाई स्पीड रेलवे के निर्माण में सफल सहयोग होता है, तो समग्र द्विपक्षीय सहयोग की ढेर बहुत नई संभावनाएं होंगी।

संक्षेप में चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग ने अपने व्यावहारिक एवं कारगर कार्यशैली से अपनी 7 दिवसीय दक्षिण पूर्वी एशिया-यात्रा को संतोषजनक रूप से पूरा कर लिया है।

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