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भारतीय युवक विनोद का चीन से प्रेम
2013-10-16 14:16:37

विनोद की पत्नी निकोल नीदरलैंड की रहने वाली हैं। उनकी शादी के बाद उसे एक भारतीय नाम मिला, यह नाम है प्रियंका। वह भी क्वांगचो में काम करती है। उसने चीन की प्रशंसा करते हुए कहा,

" चीन मेरा दूसरा घर है, मुझे यहां रहना बहुत पसन्द है। जब मैं नीदरलैंड में थी, तो मुझे चीन की याद आती थी। जब मैं चीन में हूं, तो मैं नीदरलैंड की याद भी करती हूं। क्वांगचो शहर में जीवन बीताना सुविधाजनक है। मैं आसानी से वस्तुएं खरीद सकती हूं। यहां पर दुकान 24 घंटों पर खुली रहती हैं। यह नीदरलैंड से भिन्न है। इसके अलावा यहां के लोग नीदरलैंड से भी भिन्न है। इसलिए मुझे उनके साथ काम करना और जीवन बिताना सीखना चाहिए। चीन एक अच्छा देश है। चीन में काम करने का अवसर मिला ये मेरे लिए एक अच्छा अनुभव है।"

चीन में जीवन बिताने के दौरान चीनी भाषा सीखना जरूरी है। हालांकि काम करते समय विनोद की प्रमुख भाषा अंग्रेजी होती है, लेकिन वह अपने आप चीनी सीख रहे हैं यहां तक की अब उन्हें स्छवान की भाषा, वन चो की भाषा और फू च्यान की भाषा जेसी स्थानीय चीनी भाषा भी बोलने में आसानी होती है। उन्हें लगता है कि चीनी लोगों के साथ संपर्क करते समय अगर चीनी बोलता है, तो उसे खुशी मिलती है। इस तरह दोनों के बीच संबंध घनिष्ठ हो जाते हैं।

विनोद चीनी गीत गा सकते हैं। श्याओ वेई नाम का यह गीत कुछ वर्ष पहले विनोद ने अपनी पत्नी को शादी के समय गाकर सुनाया था। यह गीत चीन में जीवन बिताने के दौरान विनोद की सुन्दर आशा प्रकट करती है।

यह भारतीय व्यक्ति विनोद की कहानी है। क्वांगचो में काम करने के साथ साथ उन्हें पत्नी भी मिली और एक मुबारक और गर्म घर की स्थानपा भी की गई। (वनिता)


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