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चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग ने 9 अक्तूबर को ब्रुनेई में 16वें चीन-आसियान शिखर सम्मेलन में सुझाव प्रस्तुत किया कि दोनों पक्ष सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढाये, दोनों पक्षों के रक्षा मंत्री सम्मेलन की व्यवस्था को परिपूर्ण बनाया जाए और क्षेत्रीय सुरक्षा पर नियमित वार्ता की जाए तथा गैर पारंपरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को गहराई में चलाया जाए। आसियान मामलों के चीनी विशेषज्ञों ने हमारे संवाददाता से इंटरव्यू में कहा कि ली खछ्यांग की इस सुझाव का भारी महत्व है। अगर इसका ठोस क्रियान्वयन किया गया, तो चीन-आसियान रिश्तों में कोई अप्रिय घटना नहीं होगी।
चीन के अंतर्राष्ट्रीय मामला अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रमुख छ्वी शिंग ने विचार व्यक्त किया कि चीन—आसियान के रक्षा मंत्री-सम्मेलन की व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रधान मंत्री ली खछ्यांग का सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाः
`दरअसल सुरक्षा के क्षेत्र में आदान-प्रदान एवं सहयोग की सर्वाधिक भूमिका इस क्षेत्र में पारदर्शीता बनाए रखने की है। यदि ली खछ्यांग के सुझाव पर ठोस रूप से अमल किया गया, तो चीन-आसियान रक्षा मंत्री-सम्मेलन की व्यवस्था और अधिक परिपूर्ण होगी और क्षेत्रीय सुरक्षा पर नियमित वार्ता की गारंटी होगी। इस सुविधाजनक माध्यम से समान चिंता वाले मुद्दों का नियमन किया जा सकता है और स्थिति को बेकाबू होने से रोका जा सकता है।`
छ्वी शिंग ने पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक दोनों सुरक्षा के क्षेत्र में चीन-आसियान का सहयोग अत्यंत अहम करार दिया और कहा कि इससे जुड़े ली खछ्याग के सुझाव को मूर्त रूप देने से चीन-आसियान रिश्तों का सकारात्मक विकास सुनिश्चित होगा। उनका कहना हैः
`सब जानते हैं कि जिस क्षेत्र में समस्या आसानी से उत्पन्न होती है, वह है सुरक्षा का क्षेत्र। परंपरागत सुरक्षा के क्षेत्र में अगर अंतरविरोधों का उचित नियमन नहीं किया जाता, तो कानून-प्रवर्तक विभागों के बीच फायरिंग जैसी अप्रिय घटना हो सकती है और इससे बढकर बड़ी घटना भी हो सकती है। गैर परंपरागत सुरक्षा के क्षेत्र में अंतरदेशीय अपराध करना अनियंत्रित है। भूमंडलीकरण की पृष्ठभूमि में अपराधी देशों की सीमाओं से परे सांठगांठ कर अपराध करते हैं। ऐसी स्थिति में अगर विभिन्न देशों के कानून-प्रवर्तक विभागों ने करीबी सहयोग नहीं किया, तो इन अपराधियों पर प्रहार करना मात्र खोखली बात बन जाएगा और समुद्री सुरक्षा एवं पर्यावरण-संरक्षण जैसे क्षेत्रों को भी अंतरदेशीय अपराधियों के चंगुल से नहीं बचाया जाएगा। इस लिहास से परंपरागत एवं गैर परंपरागत दोनों सुरक्षा के क्षेत्र में चीन-आसियान सहयोग बेहत महत्वपूर्ण है।`
चीन के आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान प्रतिष्ठान के दक्षिण एवं दक्षिण पूर्वी एशियाई मामलों के कार्यालय के उपप्रमुख चांग श्वे कांग के अनुसार चीन-आसियान सहयोग के बारे में चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग का सुझाव बहुत व्यावहारिक है। उन्होंने कहाः
`ली खछ्यांग के सुझाव से यह देखा जा सकता है कि पहले, चीन और आसियान एक दूसरे का सम्मान करते हैं और समान खयाल वाले मसलों पर विचार-विमर्श करते हैं। दूसरे, कई ठोस कदम, खासकर गैर परंपरागत सुरक्षा के क्षेत्र में कदम उठाने पर दोनों पक्ष विचार-विनिमय करेंगे। तीसरे, सुरक्षा की व्यवस्था को परिपूर्ण बनाने के लिए दोनों पक्ष कारगर मंच कायम करेंगे। इसके आधार पर ही सुरक्षा के क्षेत्र में चीन-आसियान सहयोग कामयाब हो सकता है। ली खछांग के सुझाव में आपदाओं की रोकथाम, राहत एवं बचाव-कार्य, साइबर सुरक्षा, अंतरदेशीय अपराध पर प्रहार और साझे रूप से कानूनों के पालन की निगरानी से जुड़े विषय भी शामिल हैं। इसलिए यह सुझाव बहुत व्यावहारिक है।`
गौरतलब है कि इस माह की तीसरी तारिख को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इंडोनेशिया के संसद में महत्वपूर्ण भाषण देते हुए दोहराया कि शांति एवं स्थायित्व की रक्षा के लिए शीत युद्ध की अवधारणा को छोड़ा जाना चाहिए और बहुविषयक सुरक्षा, समान सुरक्षा एवं सहयोग पर आधारित सुरक्षा संबंधी नया विचार रखा जाना चाहिए। चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग ने पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में चीन की ओर से सुरक्षा संबंधी इस नए विचार पर जोर दिया। इस विचार की व्याख्या करते हुए चांग श्वे कांग ने कहाः
`यह विचार चीन की शांतिपूर्ण विकास की बुनियादी नीति पर आधारित है और इससे चीन की यह कूटनीति भी दिखाई देती है कि चीन अपने पडोसियों के साथ मित्रवत व्यवहार करता है और उन्हें अपने साथी मानता है। बहुविषयक सुरक्षा में परंपरागत सैन्य सुरक्षा के साथ-साथ गैर परंपरागत सुरक्षा, जैसे राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और सांस्कृतिक सुरक्षा जैसे विषय भी शामिल हैं। समान सुरक्षा का आशय एकपक्षीय सुरक्षा और आंशिक सुरक्षा के बजाए एक दूसरे की सुविधा और आराम को ध्यान में रखने वाली सुरक्षा से होता है। सहयोग पर आधारित सुरक्षा, समान सुरक्षा की प्राप्ति के लिए सहयोग पर विशेष जोर देता है। संक्षेप में बहुविषयक सुरक्षा, समान सुरक्षा एवं सहयोग पर आधारित सुरक्षा एक शरीर के 3 अंगों जैसी हैं, जो एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते। सुरक्षा का यह नया विचार पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र को शांति, स्थिरता एवं समृद्धि की ओर ले जाने पर केंद्रित है।`