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चीन और आसियान समान हितों पर ध्यान दें- ली ख छ्यांग
2013-10-10 15:45:59

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 9 अक्तूबर को ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान में चीन-आसियान (10+1) के 16वें शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दोनों पक्षों के बीच दो राजनीतिक सहमतियों और सात क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का ढांचा पेश किया। ली ख छ्यांग ने कहा कि अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध चीन और आसियान के बीच सहयोग मजबूत करने का मुख्य आधार है। दोनों पक्षों को समान हितों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि सभी देशों को सहयोग का लाभ मिल सके।

इस साल चीन और आसियान के बीच रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की 10वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर चीनी प्रधानमंत्री ली ख छ्यांग आसियान के 10 सदस्य देशों के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले केक काटने की रस्म में उपस्थित हुए। ली खछ्यांग ने कहाः

"इस बार का सम्मेलन 16वां चीन-आसियान शिखर सम्मेलन है। चीन में 16 एक शुभ अंक माना जाता है। इससे जाहिर है कि चीन और आसियान के बीच सहयोग 10 सालों के विकास के बाद आगे भी सुचारू रूप से बढ सकेगा।"

पिछले 10 वर्षों में चीन और आसियान के बीच सहयोग की व्यापक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। दोनों पक्षों के बीच व्यापार अब 4 खरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा है, जिसकी सालाना वृद्धि दर 23.6 प्रतिशत है। इसके साथ साथ दोनों पक्षों ने दुनिया में सबसे बड़ा विकासशील देशों के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र भी स्थापित किया है। गत 10 सालों में चीन और आसियान के बीच संबंधों के विकास का सिंहावलोकन करते हुए ली खछ्यांग ने कहा कि आपसी विश्वास, व्यावहारिक सहयोग और सहिष्णुता दोनों पक्षों के बीच सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हासिल करने की कुंजी है। ली ख छयांग ने कहा

"अब दुनिया के सभी देशों को एक शांतिपूर्ण और स्थिर बाहरी वातावरण की जरूरत है। इसके साथ-साथ घनिष्ठ सहयोग के जरिए विकास बढ़ाते हुए दीर्घकालीन दृष्टि से एक दूसरे के बीच संबंध देखने की आवश्यकता है। सभी देशों को एकजुट होकर भविष्य का निर्माण करना चाहिए।"

ली ख छ्यांग ने चीन-आसियान सहयोग बढ़ाने के लिए दो राजनीतिक सहमतियों और सात क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का ढांचा भी पेश किया। उन्होंने कहा कि चीन और आसियान को दीर्घकालीन दृष्टि से अपने संबंधों को देखना चाहिए, ताकि आगामी दस वर्षों में दोनों पक्षों के बीच सहयोग और विस्तृत, गहन और उच्च स्तर की दिशा में बढ़ सके। ली खछ्यांग ने कहाः

"हमें इन दो सहमतियों को कार्यांवित करना चाहिए। पहला सहयोग बढ़ाने का मुख्य आधार आपसी रणनीतिक विश्वास गहराने के साथ साथ अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध का विस्तार करना है। और दूसरा, सहयोग बढ़ाने की कुंजी आर्थिक विकास और आपसी लाभ व समान जीत बढ़ाना है।"

इन सात क्षेत्रों में चीन-आसियान मैत्रीपूर्ण सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर, चीन-आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र का विस्तार, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, क्षेत्रीय वित्तीय सहयोग और जोखिम की रोकथाम, समुद्री सहयोग, सुरक्षा क्षेत्र में आदान-प्रदान व सहयोग और सांस्कृतिक व तकनीकी क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं।

हाल के वर्षों में कुछ देशों ने दक्षिण चीन सागर की स्थिति और नेविगेशन की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों का प्रचार किया, जिससे चीन और आसियान के बीच संबंधों के विकास में बाधा खड़ी हुई। इस पर ली खछ्यांग ने कहाः

"दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता है। नेविगेशन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। हर साल विभिन्न देशों के एक लाख से ज्यादा मालवाहक जहाज दक्षिण चीन सागर में आते-जाते हैं। चीन विभिन्न देशों के साथ नेविगेशन की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने को तैयार है।"

आसियान के सदस्य देशों के नेताओं ने अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध की नीति कायम रहने पर चीन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चीन ने अपने विकास के जरिए क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता बढ़ाने में अहम योगदान किया है। नेताओं ने ली ख छ्यांग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का स्वागत भी किया।

गौरतलब है कि शिखर सम्मेलन में चीन-आसियान रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।

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