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पड़ोसी देशों के साथ नये राजनयिक संबंध रखें
2013-10-09 17:36:39
2 से 8 अक्तूबर तक चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने इंडोनेशिया व मलेशिया की राजकीय यात्रा की, और इंडोनेशिया के बाली द्वीप में आयोजित एपेक के नेताओं के 21वें अनौपचारिक सम्मेलन में भाग लिया। चीनी विदेश मंत्री वांग ई ने इस यात्रा से जुड़ी जानकारी दी।
वांग ई ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की यह यात्रा चीन के नये नेताओं द्वारा दक्षिण पूर्वी एशिया तथा एशिया-प्रशांत में की गयी एक महत्वपूर्ण राजयनिक कार्रवाई है। इस यात्रा का लक्ष्य पड़ोसी देशों के साथ नये राजनयिक संबंधों की स्थापना करना, एशिया व प्रशांत क्षेत्र में सहयोग मजबूत करना और क्षेत्रीय विकास व समृद्धि को विकसित करना है।
सात दिनों में राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने लगभग 50 द्विपक्षीय या बहुपक्षीय गतिविधियों में भाग लिया, और व्यापक रूप से विभिन्न जगतों के व्यक्तियों से मुलाकात की। उन्होंने महत्वपूर्ण भाषण देकर मित्रता, भविष्य व सहयोग की चर्चा की। इस यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त हुईं।
पहले, चीन-इंडोनेशिया व चीन-मलेशिया के संबंधों को एक नये दौर में पहुंचाया गया। वांग ई ने कहा कि यात्रा के दौरान शी चिनफिंग ने दोनों देशों के नेताओं के साथ लंबे समय तक वार्ता की। साथ ही दोनों ने एकमत होकर चीन-इंडोनेशिया व चीन-मलेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदार संबंधों तक उन्नत करने का फैसला किया। चीन ने क्रमशः दोनों देशों के साथ आर्थिक व व्यापारिक सहयोग की पंचवर्षीय परियोजना पर हस्ताक्षर किये, और सहयोग के नये लक्ष्य व महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निश्चित किया। वर्ष 2015 तक चीन व इंडोनेशिया के बीच व्यापार 80 अरब अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2017 तक चीन व मलेशिया के बीच व्यापार 1 खरब 60 अरब अमेरिकी डॉलर पहुंचाने की बात भी की गयी। चीन व इंडोनेशिया के सहयोग में अंतरिक्ष, ऑटस्पेस व समुद्र के सहयोग भी शामिल हुए हैं। चीन व मलेशिया छिनचो व क्वेन डेन उद्योग पार्कों को दोनों देशों के बीच पूंजी-निवेश सहयोग के मॉडल बनाएंगे।
दूसरे, चीन व आसियान के सदस्य देशों के संबंधों का नया लक्ष्य निश्चित किया गया। वांग ई ने कहा कि इस वर्ष चीन व आसियान के बीच राजयनिक संबंध स्थापना की 10वीं वर्षगांठ है। दोनों के संबंध इतिहास में एक नयी शुरूआत पर हैं। राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने व्यापक रूप से आसियान के प्रति चीन की नीति नियमों पर प्रकाश डाला, और जोर देकर कहा कि चीन लगातार पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखेगा, आसियान के सदस्य देशों के साथ सहयोग संधि पर हस्ताक्षर करेगा, और एक साथ चीन-आसियान समुदाय का निर्माण करेगा। चीन ने एशिया में बुनियादी सुविधाओं के लिये पूंजी-निवेश बैंक की स्थापना करने की सलाह दी, ताकि आसियान व इस क्षेत्रीय के विकासशील देशों के बीच आदान-प्रदान को मजबूत किया जा सके।
तीसरे, एपेक में नया विकास हासिल करें। वांग ई ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने विश्व तथा एशिया व प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक स्थिति के मद्देनजर खुली अर्थव्यवस्था की रक्षा व विकास करने का सुझाव दिया। आर्थिक ढांचे का समायोजन करने और व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने की बात भी कही गयी।
चौथे, चीन में आर्थिक विकास की नयी संभावना दिखाई गयी।
वांग ई ने कहा कि विभिन्न पक्ष चीन के आर्थिक विकास की संभावना पर बड़ा ध्यान देते हैं। शी चिनफिंग ने विभिन्न मौकों पर व्यापक रूप से चीन की व्यापक आर्थिक स्थिति, अर्थव्यवस्था के अच्छे रुझान का उल्लेख किया। उन्होंने सुधार व खुलेपन को मजबूत करने के लिये चीन के नये विचार व कदमों पर प्रकाश डाला, और बल देते हुए कहा कि चीन आर्थिक विकास के तरीके का समायोजन कर रहा है, और विकास की गुणवत्ता व लाभ पर बड़ा ध्यान देता है।
राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने जोर देते हुए कहा कि चीनी सपना एशिया के विभिन्न देशों की जनता के मन में शांति, समृद्धि व खुशी प्राप्त करने का सुन्दर सपना एक ही है। चीन एशिया व विश्व को विकास के मौके देगा, धमकी नहीं। चीन लगातार आसियान, एशिया व विश्व के साथ विकास की उपलब्धियां शेयर करेगा।
चंद्रिमा
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