वर्ष 2015 के बाद विकास कार्य सूची में गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। और विकासशील देशों को विकास की जरूरी नीतिगत गुंजाइश देते हुए उनके हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 सितंबर को 68वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में उक्त बात कही। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि व सहनशील विकास सभी देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन वर्तमान दुनिया में 1 अरब से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं। गरीबी की समस्या पूरी दुनिया के सामने एक अहम राजनीतिक व आर्थिक चुनौती है और गरीबी उन्मूलन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों को वर्ष 2015 के बाद विकास कार्य सूची बनाते हुए गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि उसे व्यापक समर्थन मिल सके।
मनमोहन ने कहा कि वर्ष 2015 के बाद विकास कार्य सूची में सिर्फ धनराशि के वितरण पर ध्यान देना नहीं चाहिए , बल्कि विकासशील देशों व विकसित देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को भी बढ़ाया जाना चाहिए। सभी देशों के लिए जरूरी नीतिगत गुंजाइश की जरूरत है, ताकि वे अपने देश की स्थिति के अनुसार नीतियों में प्राथमिकता निश्चित कर सकें।
(मीनू)