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चीनी रक्षा मंत्रालय के 29 अगस्त को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में मंत्रालय के प्रेस प्रवक्ता यांग यु चुन ने जानकारी दी कि चीनी रक्षा मंत्री छांग वान छुआन ने जापान के अपने समकक्ष ओनोडेरा इत्सुनोरी से संक्षिप्त बातचीत के दौरान बलपूर्वक कहा कि अब यह समय आ गया है कि उकसावा देने वाला अपनी गलती को दुरूस्त करे। उधर चीन के निर्माणाधीन विमान वाहक जहाज को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इसके बारे में यांग यु चुन ने कहा कि चीन के पास केवल ल्याओनिंग नामक विमान वाहक जहाज नहीं है, मतलब है कि ल्याओनिंग जहाज चीन का एकमात्र विमान वाहक जहाज नहीं रहेगा।
हाल ही में जापानी मीडिया ने रिपोर्ट दी कि ब्रुनई में आसियान रक्षा मंत्री सम्मेनल के आयोजन की पूर्वसंध्या पर एक रात्रिभोज में जापानी रक्षा मंत्री ओनोडेरा इत्सुनोरी और चीनी रक्षा मंत्री छांग वान छुआन के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई। गत दिसम्बर में शिंज़ो एबे के सत्ता में आने के बाद जापान और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच यह पहली बातचीत है।
इस बातचीत की जानकारी देते हुए यांग यु चुन ने कहा कि चीनी रक्षा मंत्री ने बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि समय आ गया है कि उकसावा देने वाला अपनी गलती को दुरूस्त करे। यांग यु चुन ने यह भी कहा कि जापान के साथ भेंटवार्ता करने की चीन की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहाः
` बुधवार 28 अगस्त को आसियान रक्षा मंत्री सम्मेलन की पूर्वंसंध्यान पर एक रात्रिभोज की शुरूआत से पहले जापानी रक्षा मंत्री ओनोडेरा इत्सुनोरी ने चीनी रक्षा मंत्री छांग वान छुआन से बातचीत करने आगे आने की पहल की। चीनी रक्षा मंत्री ने उन से बातचीत के दौरान कहा कि उकसावा देने वाले के लिए अपनी गलती को दुरूस्थ करने का सही समय आ गया है।`
यांग यु चुन ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जापानी रक्षा मंत्री से चीनी रक्षा मंत्री की बातचीत के लिए चीन ने कोई योजना नहीं बनाई है।
ऊपरी तौर पर देखा जाए, तो जापान ने चीन के साथ मित्रवत व्यवहार करने की कोशिश की है, लेकिन उसकी हालिया हरकतों से दोनों देशों का सैन्य संबंध बिगड़ता नजर आया है। अगस्त के शुरू में जापान द्वारा विश्वयुद्ध के बाद निर्मित सब से बड़ा जंगी जहाज—ईज़ुमो नामक हेलिकोप्टर वाहक जहाज का जलावतरण किया गया। इसके साथ जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक तरफ अमेरिका से ढेर बहुत सैन्य साजोसामान खरीद लिया औऱ दूसरी तरफ़ यह निर्णय भी ले लिया कि वह अपने समुद्री आत्मरक्षक दस्ते में सेवारत ऑसुमी दर्जे के परिवहन-जहाज का बड़े पैमाने पर पुनःनिर्माण करेगा, ताकि उसपर द्विधा गतिवाले बख्तरबंद गाड़ियां एवं ओस्पो परिवहन विमान भी उतर सके। जापानी रक्षा मंत्रालय ने योजना भी बनाई है कि अगले वित्त वर्ष में मैरिन ट्रुप्स का रिजर्व दस्ता स्थापित किया जाएगा। जापान की ओर से उठाए गए इस तरह के अनेक सैन्य कठमों से त्याओयू द्वीप-समूह में तनाव औऱ भी बढ गया है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रेस प्रवक्ता यांग यु चुन ने इसकी चर्चा करते हुए कहा कि जापान की हरकत पर उस के पड़ोसी एशियाई देशों को बहुत सतर्क रहना चाहिए। चीन जापान की हरकतों पर करीब से नजर रखे रहेगा। उनका कहना हैः
`जापान द्वारा हेलिकोप्टर वाहक जहाज बनाए जाने के सवाल पर चीन नजर रखे हुए है। शस्त्रागार का लगातार विस्तार करने की जापान की हरकत पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ऊंचे स्तर पर सतर्क रहना चाहिए। हाल के वर्षों में जापान ने अपने शस्त्रागार का विस्तार करते हुए लगातार सैन्य मुद्दा उठाया है और अपने पड़ोसी देशों के साथ प्रभुसत्ता के सवाल पर लगातार क्षेत्रीय तनाव पैदा किया है। उस के इस असामान्य प्रदर्शन पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों को ध्यान देना चाहिए। उधर खुद जापान को इतिहास से सबक लेना चाहिए, आत्मोलोचना करनी चाहिए और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के हित में अधिक काम करना चाहिए। हम जापान की हरकत पर आगे भी कड़ी निगाह रखेंगे।`
इधर जापान का हेलिकोप्टर वाहक जहाज समुद्र में उतर गया है, उधर भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक जहाज का भी औपचारिक जलावतरण किया गया है। इससे एशिया के विभिन्न देशों की समुद्र में शक्तियों का विकास सुर्खियों में रहा है। पश्चिमी मीडिया ने यहां तक कहा है कि एशिया में नए दौर की तीव्रतम नौ सैन्य शस्त्रीकरण-होड़ शुरू हुई है। इस बयान का यांग यु चुन ने खंडन करते हुए कहा कि इस का न तो आधार है न ही नेकनीयती है।
विदेशों का ध्यान खींचने वाले चीनी विमान वाहक जहाज के निर्माण के बारे में यांग यु चुन ने कहा कि चीन विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखकर इस मुद्दे पर व्यापक रूप से विचार करेगा। उन्होंने कहाः
` हम पहले ही कह चुके हैं कि ल्यांगनिंग नाम का जहाज चीन का पहला विमान वाहक जहाज है। लेकिन वह वाकई एकमात्र नहीं रहेगा। भविष्य में हम रक्षा और सेना-निर्माण की जरूरतों के अनुसार विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखकर विमान वाहक जहाज बनाने के मुद्दे पर अच्छी तरह सोच-विचार करेंगे।`
यांग यु चुन के अनुसार चीन का पहला विमान वाहक जहाज—ल्याओनिंग जहाज हाल ही में सुदूर समुद्र में सैन्य प्रशिक्षण में शामिल हुआ, जिसके दौरान उसपर विमानों के आने-जाने और अन्य संबद्ध प्रणालियों का परीक्षण किया गया।