叙利亚
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संयुक्त अरब अमीरात के दुबई स्थित अल-अरबी टीवी व अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार सीरियाई सरकारी सेना ने 22 अगस्त की सुबह विषैली वायु सहित रॉकेट बमों से दमिश्क के उपनगर पर हमला किया। वहीं विपक्षी दलों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हमले में कम से कम 1300 लोग मारे गए। जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। मृतकों में कई महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि सीरिया सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने की बात से इनकार किया है, और ज़ोर देकर कहा कि सीरिया के पास पक्के सबूत हैं कि आतंकी सशस्त्र व्यक्तियों ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया है।
सीरियाई प्रेस मंत्री ने 21 अगस्त को ज़ोर देते हुए कहा कि सीरिया सरकार के पास रासायनिक हथियारों से पीड़ित घायलों व हमले के प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा दिये गये सबूत तथा भूमि व हवा में चुने गये नमूनों से यह जाहिर है कि विरोधी बलों ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने यह दोहराया कि सीरिया के पास ऐसे हथियार होने पर भी, वह किसी भी स्थिति में उनका प्रयोग नहीं करेगा। साथ ही उन्हें आशा है कि संयुक्त राष्ट्र का जांच दल तटस्थ, पेशेवर व वैज्ञानिक परिणाम हासिल करेगा।
सीरियाई सरकारी सेना के जनरल कमान ने बयान जारी करके कहा कि कुछ टी.वी. स्टेशनों ने कहा कि सीरियाई सेना ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया है। यह रिपोर्ट सच नहीं है, यह बिल्कुल झूठ और निराधार है। कुछ देश सीरिया के खिलाफ़ यह मीडिया युद्ध लड़ रहे हैं। वक्तव्य में यह कहा गया है कि सेना लगातार आतंकवाद विरोधी कार्रवाई समाप्त करेगी, और अपने देश व जनता की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाएगी।
उक्त बातों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बड़ा ध्यान दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता एदुआर्दो देल बुए ने 21 तारीख को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के उपनगर में रासायनिक हथियारों के प्रयोग पर आश्चर्य जताया। देल बुए ने कहा कि बान की मून स्पष्ट रूप से यह जानते हैं कि कुछ सदस्य देश, अरब लीग व यूरोपीय संघ आदि इससे चिंतित हैं। उन्होंने संबंधित खबरों की जांच करने की पुष्टि की। साथ ही बान की मून ने कहा कि अगर इन ख़बरों में सच्चाई है तो ज़रूर अंतर्राष्ट्रीय मानवता कानून का उल्लंघन किया गया है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी सीरिया में रासायनिक हथियार से जुड़ी खबरों पर आपात चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव जेन एलियास्सोन ने बान की मून की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबंधित स्थिति की रिपोर्ट सौंपी। विचार-विमर्श के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के ख्याल से जल्द ही इस घटना की जांच करनी चाहिये। संयुक्त राष्ट्र जांच दल दमिश्क पहुंच गया है। आशा है कि सीरिया सरकार स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होने के बाद उन्हें संबंधित क्षेत्रों में जांच करने की अनुमति दे सकेगी। उन्होंने कहा कि बान की मून ने जांच किए जाने की आशा भी जताई। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ सीरियाई सरकारी सेना से संपर्क रख रहा है। ताकि जांच जारी रखने के लिये विभिन्न पक्षों का सहयोग मिल सके। साथ ही उन्होंने सीरिया के विभिन्न पक्षों से शत्रुतापूर्ण कार्रवाई बंद करने की अपील भी की।
अमेरिकी ह्वाइट हाउस के उप प्रवक्ता जोश अरनेस्ट ने कहा कि अमेरिका इस रिपोर्ट से चिंतित है कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग से कई लोगों की मौत हो चुकी है। और संयुक्त राष्ट्र संघ से जल्द ही मामले की जांच करने की अपील की गयी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने की किसी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। ऐसे लोगों को ज़रूर सज़ा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र जांच दल से फ़ौरन इस घटना की जांच करने की मांग की।
रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एलेग्जेंडर लुकाशेविच ने मीडिया से कहा कि रूस ने सीरियाई सरकारी सेना के रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने से जुड़ी रिपोर्ट की पेशेवर जांच-पड़ताल करने की अपील की। आशा है कि संबंधित पक्ष सीरिया के विपक्षी दलों पर दबाव डालकर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से बच सकेंगे। लुकाशेविच ने कहा कि कुछ क्षेत्रीय मीडिया ने उक्त घटना के बाद जल्द ही सूचनात्मक हमला किया, और सभी जिम्मेदारी सीरिया सरकार पर डाल दी। यह एक उत्तेजक कार्रवाई है।
उसी दिन लुकाशेविच ने कहा कि रूस व अमेरिका के विशेषज्ञ इस महीने की 28 तारीख को भेंट करेंगे, और सीरिया मसले से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी करेंगे।
चंद्रिमा