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चीनी व अमेरिकी रक्षा मंत्री की मुलाक़ात
2013-08-20 17:07:26

चीनी रक्षा मंत्री छांग वान छुआन ने 19 अगस्त को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हैगल से मुलाकात की। दोनों ने चीन-अमेरिका संबंध, दोनों सेनाओं के संबंध, द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मामले और नेटवर्क सुरक्षा समेत सिलसिलेवार मुद्दों पर चर्चा की, और सहमति भी जताई।

चीनी रक्षा मंत्री छांग वान छुआन 16 तारीख को अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए। उन्होंने अमेरिकी सेना के प्रशांत मुख्यालय, उत्तरी मुख्यालय व उत्तरी अमेरिकी वायु रक्षा मुख्यालय का दौरा किया। 19 अगस्त को उन्होंने वाशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्री हैगल से औपचारिक रूप से मुलाकात की। इसके बाद हैगल ने कहा कि इस वार्ता से काफी उपलब्धियां हासिल हुई। उन्होंने कहा, हमने अभी अभी एक सार्थक वार्ता की है। वार्ता में मैंने यह दोहराया कि अमेरिका चीन के साथ सकारात्मक व रचनात्मक संबंधों की स्थापना करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका-चीन संबंध केवल एशिया व प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा व स्थिरता के लिये ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी में अमेरिका व चीन की सुरक्षा व समृद्धि के लिये भी लाभदायक होंगे।

वार्ता में छांग वान छुआन ने हैगल के साथ चीन-अमेरिका संबंध, दोनों सेनाओं के संबंध, द्विपक्षीय मामले, क्षेत्रीय मामले व नेटवर्क की सुरक्षा आदि मसलों का विचार-विमर्श किया, और सहमति भी कायम हुई। सबसे पहले दोनों पक्ष अन्नेनबर्ग हॉल में दोनों देशों के नेताओं द्वारा हासिल महत्वपूर्ण सहमतियों को लागू करने पर सहमति हुए। और दोनों सेनाओं के संबंधों को मजबूत करके उन्हें एक उच्च स्तर पर पहुंचाने की कोशिश करेंगे।

दूसरे, दोनों पक्षों ने लगातार सेनाओं के बीच आदान-प्रदान को मजबूत करने और विचार-विमर्श व वार्ता को गहन करके आपसी विश्वास को लगातार विकसित करने पर सहमति प्राप्त की। अमेरिका ने चीनी जन मुक्ति सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ को वर्ष 2014 में अमेरिका की यात्रा करने का आमंत्रण दिया। साथ ही चीन ने भी अमेरिकी रक्षा मंत्री व चीफ़ ऑफ़ नौसेना को वर्ष 2014 में क्रमशः चीन की यात्रा करने का निमंत्रण दिया। इसके अलावा दोनों पक्षों ने चीन व अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई में आपसी सूचना देने की व्यवस्था की स्थापना पर भी सहमति प्राप्त की। और दोनों लगातार चीन-अमेरिका के समुद्र और वायु सैन्य अभियानों में सुरक्षा से जुड़ नियमों का अध्ययन करेंगे।

तीसरे, दोनों पक्षों के ख्याल से चीन व अमेरिका दोनों सेनाएं एशिया व प्रशांत की शांति व स्थिरता की रक्षा करने में ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाती हैं। दोनों क्षेत्रीय मामलों में रचनात्मक भूमिका अदा करने से सहमत हैं, और एशिया व प्रशांत की बहुपक्षीय सुरक्षा वार्ता व्यवस्था की ढांचे में समन्वय व सहयोग मजबूत करेंगे। वर्ष 2014 में चीन निमंत्रण पर वर्ष 2014 पैसिफ़िक रिम संयुक्त युद्धाभ्यास में भाग लेगा।

चौथे, दोनों पक्ष मानवीय राहत कार्य, आतंकवाद के विरोध, समुद्री डाकुओं के खिलाफ़ शांति रक्षा क्षेत्र में आदान-प्रदान व सहयोग को मजबूत करेंगे। साथ ही दोनों ने इस वर्ष के नवंबर में हवाई में चीन-अमेरिका के पहले मानवीय राहत कार्य के एक संयुक्त अभ्यास का आयोजन करेंगे। अंत में दोनों पक्षों ने सैन्य अभिलेखागार सहयोग पर सहमति जताई, और इससे जुड़ी एक सहयोग व्यवस्था की स्थापना की पुष्टि भी की।

इसके आधार पर छांग वान छुआन ने कहा कि चीन नयी स्थिति में अमेरिका के साथ नये सैन्य संबंधों की स्थापना करना चाहता है। उन्होंने कहा, वर्तमान में चीन-अमेरिका संबंध इतिहास के नये दौर में हैं। दोनों के बीच नये सैन्य संबंधों की स्थापना दोनों देशों के बीच रणनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत करने, रणनीतिक खतरे से बचने, विश्व शांति व क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा करने के लिये लाभदायक होगी। चीन अमेरिका के साथ समान कोशिश करके दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सहमतियों को लागू करने का पक्षधर है। साथ ही वार्ता, आदान-प्रदान व सहयोग मजबूत करने, मतभेदों का समाधान अच्छी तरह से करने के अलावा दोनों सेनाओं के संबंधों को एक नए स्तर पर पहुंचाना चाहता है।

चंद्रिमा

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