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दोस्तो, हाल ही में कश्मीर क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के बीच मुठभेड़ जारी है। एक सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में हुई गोलीबारी की घटना के बाद तनाव की स्थिति पैदा हुई है। हालिया तनाव की पृष्ठभूमि में 12 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भाषण देते हुए आशा प्रकट की कि पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध की नई शुरूआत होगी। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत नवाज़ शरीफ द्वारा भारत के साथ बेहतर संबंध की स्थापना करने के लिए की गई कोशिश का स्वागत करता है।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने 12 तारीख को एक संदेश में कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक अच्छा दोस्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान-भारत संबंध की नई शुरूआत की जानी चाहिए। दोनों पक्षों को सभी लंबित मुद्दों का मित्रवत ढंग से और शांतिपूर्ण माहौल में समाधान करने के लिए हमें एक साथ बैठना चाहिए ।
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सय्यद अकबरूद्दीन ने 13 तारीख को नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत शरीफ द्वारा भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के प्रयासों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा,
"हम इसका स्वागत करते है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सार्वजनिक रूप से भारत पाकिस्तान संबंध के विकास की दिशा को शांति, मैत्री और सहयोग का आह्वान किया है। भारत बेहतर वातावरण में पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण वार्ता से सभी अनसुलझे सवालों का समाधन करने में संलग्न रहेगा।"
लेकिन इसके बाद सय्यद अकबरूद्दीन ने जोर देते हुए कहा कि पिछले हफ्ते नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ, जिससे भारत के कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गये। इस स्थिति में दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण वार्ता करने का बेहतर माहौल नहीं बनता है। उन्होंने कहा,
"शांतिपूर्ण और मैत्रीपू्र्ण वार्ता बिना आतंकी हमलों और हिंसा के माहौल में होना चाहिए। स्पष्ट है कि पिछले हफ्ते हुए संघर्ष से यह स्थिति अनुकूल नहीं है। वर्तमान में दोनों पक्षों के बीच वार्ता की कोई ठोस समयसूची नहीं है। उचित अवसर आने पर बताया जाएगा।"
सय्यद अकबरूद्दीन ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा और सीमांत क्षेत्रों की शांति की रक्षा करना दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास की स्थापना का आधार है। इस क्षेत्र में आतंकवादी बलों पर हमला करना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा,
"हमें आशा है कि पाकिस्तान अपनी प्रादेशिक भूमि से भारत पर आतंकी हमलों और भारत के खिलाफ हिंसक कार्यवाही करने से रोकेगा। हमें इस क्षेत्र के आतंकवादी नेटवर्क और बुनियादी संस्थापनों को मिटाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए, ताकि वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय मिल सकें।"
सय्यद अकबरूद्दीन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड यानी पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा का संस्थापक हाफिज़ सईद को जल्द ही गिरफतार कर, उसे सज़ा देनी चाहिए। सय्यद ने कहा,
"हमें स्पष्ट रूप से मालूम है कि वह 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है और हमने उसके अनेकों अवैध कारनामें देखें है। जब तक उसको कानून के अनुसार दंड नही दिया जाएगा, हमारी तरफ से उसकी तलाशी जारी रहेगी।"
(वनिता)