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संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में ईद
2013-08-09 16:58:09

9 अगस्त को पाक मुसलमानों ने परंपरागत त्योहार ईद का स्वागत किया। ईद-उल-फितर मुसलमानों के लिए एक महीने का उपवास समाप्त होने के बाद एक दिवस है। वह भी इसलाम धर्म में सबसे बड़ा दिवस है। लेकिन कई आतंकवादी हमले, भीषण बाढ़, जिसमें 84 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, और हाल ही में कश्मीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास भारत व पाकिस्तान के संघर्ष ने इस पवित्र दिवस पर असर डाला है।

ईद से पहले मैडम यासमीन के घर में हलचल है। वे नयी पोशाक में थीं, और उन्होंने मेकअप भी किया। उन्होंने कहा, इस बार की ईद मेरे लिये बहुत विशेष है। क्योंकि मेरे दो बेटे और पांच बेटियां हैं। उनमें दो बेटे मेरे साथ रहते हैं। हालांकि आज मेरे छोटे बेटे कुछ काम के लिये बाहर गये हैं, लेकिन मेरी सभी पांच बेटियां घर में हैं। शादी होने के बाद हम लंबे समय तक नहीं मिले हैं। साथ ही मेरे पोते व पोतियां भी यहां आए हैं। इसलिये मुझे लगता है कि मैं दुनिया में सबसे सुखी इंसान हूं।

यासमीन की सबसे बड़ी बेटी ज़ाइनाब ने कहा, मैं खास तौर पर ईद मनाने के लिए अमेरिका से वापस लौटी हूं। क्योंकि ईद एक बहुत विशेष दिवस है, इस मौके पर सभी परिजन इकट्ठे होकर खुशी मनाते हैं। हम सचमुच बहुत खुश हैं। खास तौर पर सभी परिजन एक साथ इफ़्तार खाते हैं। यह अनुभव बहुत अच्छा है।

मुसलमानों की परंपराओं के अनुसार ईद के एक दिन से पहले खरीदारी की जाती है। जैसे वसंत त्योहार से पहले चीनी लोग हमेशा खरीदारी करते हैं। लेकिन 8 अगस्त की रात को राजधानी इस्लामाबाद के एफ़ 8 बस्ती में स्थित बाज़ारों में कम लोग गए। इसकी दो वजह हैं:पहला, इस्लामाबाद पेइचिंग की तरह एक बड़ा शहर है, जहां बहुत आप्रवासी रहते हैं। त्योहार के मौके पर लोग अपने घर वापस लौटकर त्योहार की खुशियां मनाते हैं। दूसरे, हाल ही में आतंकी हमलों से बचने के लिए इस्लामाबाद पूरी तरह सतर्क है। इसलिये बहुत कम लोग बाहर गए।

पाक खुफिया एजेंसी के अनुसार पाक में तालिबान शायद ईद के दौरान इस्लामाबाद के प्रसिद्ध जगहों पर हमले कर सकता है। उदाहरण के लिये हवाई अड्डा, संसद भवन व दूतावास क्षेत्र आदि। इसकी चर्चा में पाक टिप्पणीकार नवीद अहमेद ने कहा कि लोगों को इस पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से गुप्तचर विभाग द्वारा जारी चेतावनी केवल एक नियमित काम है। क्योंकि हर साल वे ऐसा करते हैं। बेशक, हाल के कई वर्षों में ईद के दौरान कुछ हमले हुए हैं। इसलिये वे भी जनता को सतर्कता बढ़ाने की याद दिलाना चाहते हैं।

हालांकि इस्लामाबाद में कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन ईद के मौके पर पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में दुर्घटना हुई। रिपोर्ट के अनुसार 8 अगस्त को दोपहर के बाद दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान के क्वेटा शहर में एक पुलिसकर्मी के अंतिम संस्कार के दौरान आत्मघाती हमला हुआ, जिससे 38 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, और अन्य 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। पाक तालिबान ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। और इस घटना के एक दिन से पहले कराची में स्थित एक फुटबाल मैदान में विस्फोट हुआ, जिससे कम से कम 11 बच्चे मारे गये, और 24 लोग घायल हुए।

मानव निर्मित आपदाओं को छोड़कर पाकिस्तान प्राकृतिक आपदा से भी जूझ रहा है। पाक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ब्यूरो के अनुसार हाल ही में पाकिस्तान में भारी बारिश हुई। 8 अगस्त तक बाढ़ से 84 लोग मारे गये, और लगभग 66000 व्यक्ति इससे ग्रस्त हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले नागरिक गुल बादर ने कहा, अब हमारे पास कुछ भी नहीं है। बाढ़ ने सभी को बर्बाद कर दिया है। यहां तक कि मेरा आई.डी. कार्ड भी नहीं रहा। आशा है सरकार जल्द ही हमें मदद दे सकेगी। क्योंकि हमारी लाईफ पूरी तरह बेजान हो गई है।

वहीं 6 अगस्त को भारत ने पाक सशस्त्र व्यक्तियों के भारत अधिकृत कश्मीर में स्थित एक चौकी पर हमला करने का आरोप लगाया। और कहा गया है कि इस हमले से पाँच भारतीय सैनिकों की मौत हो गयी। भारतीय रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने भारतीय संसद में कहा, हम इस हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। और भारत सरकार ने राजयनिक तरीके से पाक सरकार के सामने इसका कड़ा विरोध व्यक्त किया। भारत सभी ज़रूरी कदम उठाने की तैयारी में है, ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

हालांकि पाक ने भारत के आरोप से इनकार किया है, और दोनों के बीच जल्द ही वार्ता करने की सलाह भी दी है। लेकिन भारत सरकार के कड़े रुख और व्यापक जन प्रदर्शनों के चलते भारत-पाक संबंध फिर खराब हो गये हैं।

चंद्रिमा

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